जारी किए गए सभी 77 फर्जी असलहा लाइसेंस जांच शुरू हुई तो परते खुलने लगीं। जांच में साफ हो गया कि फर्जी लाइसेंस हासिल करने वालों ने आवेदन किए थे। इनके आवेदनों पर पुलिस की हर स्तर पर रिपोर्ट लगी थी। जांच में यह भी साफ हो गया कि पूरा खेल कलेक्ट्रेट से ही हुआ। असलहा स्वीकृति की रोक हटते ही पहले से तैयार रिपोर्ट पर ही फर्जी लाइसेंस बुकलेट जारी कर दी।
एसआईटी ने गायब पत्रावली अब हर पटल के जरिए असलहे के आवेदन पर लगाई गई जांच रिपोर्ट की जांच कर रही है। एसएसपी कार्यालय के तीन रजिस्टर की जांच की गई। इससे साफ हुआ कि चौकी इंचार्ज, थाने, सीओ, एसपी और डीसीआरबी की रिपोर्ट लगने के बाद फाइल कलेक्ट्रेट भेजी गई। इसका वेरीफिकेशन थाना स्तर पर भी होगा और रिपोर्ट लगाने वाले थानेदार के भी बयान दर्ज होंगे। एसपी क्राइम राजेश यादव ने बताया कि फर्जी लाइसेंस से संबंधित पूरी फाइल कलेक्ट्रेट से गायब है। जांच में इस बात की पुष्टि हो गई कि सभी 77 लाइसेंसों में पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट लगी थी।
तहसीलों से संबंधित रिपोर्ट का रजिस्टर मांगा
असलहा लाइसेंस स्वीकृति में पुलिस के साथ ही तहसील की भी रिपोर्ट लगती है। एसआईटी ने तहसीलों से संबंधित रिपोर्ट का रजिस्टर मांगा है। इस बात की जांच होगी कि तहसील से लाइसेंस से संबंधि रिपोर्ट भेजी गई थी या नहीं। एसआईटी ने सभी एसडीएम को पत्र लिखकर असलहा लाइसेंस से संबंधित रजिस्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
आज जेल में दर्ज होंगे विनीत के बयान
एसआईटी फर्जी लाइसेंस प्रकरण में मुख्य आरोपी लिपिक विनीत को रिमांड पर लेने से पहले जेल में बयान दर्ज करेगी। पूछताछ के दौरान सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर कोर्ट से रिमांड मांगेगी। एसआईटी सोमवार को कोर्ट से अनुमति लेकर जेल जा सकती है। जेल में विनीत की तबीयत बिगड़ने पर उसका इलाज कराया जा रहा है। जेल अधीक्षक आशीष तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बीमारी से संबंधित किसी जानकारी से इनकार कर दिया।
कारीगर जितेंद्र की तलाश में चार टीमें लगी
कारीगर जितेंद्र अब पुलिस के लिए पहेली बन गया है। एसएसपी ने जितेंद्र की तलाश के लिए चार टीमें लगाई हैं। इसमे दो एसआईटी की है। उसकी लोकेशन प्रयागराज के बाद मिलनी बंद हो गई है। सभी मोबाइल फोन बंद है। पुलिस ने उसके तीन दोस्तों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू की है। उधर विनीत के हाजिर होने के बावजूद उसका परिवार घर नहीं लौटा। घर में ताला लगा हुआ है।
कई मुकदमे होने के बावजूद विपिन सिंह की जगह नाम बदलकर सौभाग्य सिंह के नाम पर फर्जी असलहा लाइसेंस स्वीकृति कराने में सचेंडी पुलिस ने आंख बंद करके रिपोर्ट लगाई है। प्रधान के बेटे के खिलाफ कई मामले दर्ज है। इसके बावजूद पुलिस ने बिना जांच पड़ताल के रिपोर्ट लगा दी। एसपी ग्रामीण ने जांच के आदेश दिए। फिलहाल अभी तक जांच शुरू नहीं हो पाई।
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