नाइन वन टाइम्स सर्वे / लोगों का मानना- सोशल मीडिया से बढ़े अनैतिक संबंध-महत्वपूर्ण फैसले भी करता प्रभावित


  • फैमिली पर सोशल मीडिया और इंटरनेट का कितना, क्या और कैैसा असर? के नतीजे

  • भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रायपुर, जयपुर, जोधपुर, पटना, रांची, अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में हुआ सर्वे



सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक करने को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने वाली है। सर्वे में  पूछा गया था कि क्या सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से लिंक करना चाहिए? 62 फीसदी लोगों ने नहीं में जवाब दिया। हालांकि, इस मामले में पुरुषों और महिलाओं की राय में थोड़ा अंतर है।



62% सोशल मीडिया-आधार लिंक के खिलाफ


41% पुरुष चाहते हैं कि अकाउंट्स आधार से लिंक होने चाहिए, वहीं ऐसा चाहने वाली महिलाएं 31% ही हैं।अच्छी बात यह है कि 76.5 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर कभी किसी ने धोखा नहीं दिया है। ऐसा ही अंतर एक और सवाल में देखा गया। हमने पूछा था कि क्या आप अश्लील तस्वीर या द्विअर्थी हेडलाइन देखकर किसी लिंक पर क्लिक करते हैं? इसका केवल 11% महिलाओं ने जवाब हां में दिया, वहीं 22% पुरुषों ने हां में जवाब दिया।


सिटी भास्कर ने ये सर्वे 31 अगस्त से 2 सितंबर के बीच 11 बड़े शहरों- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रायपुर, जयपुर, जोधपुर, पटना, रांची, अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में किया था। हमने,  इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर देश और खासतौर से हमारा शहर क्या सोचता है ये जानने की कोशिश की। इस सर्वे में पाठकों से ऑनलाइन जवाब मंगाए गए थे। सर्वे में लगभग 4300 पाठकों ने रिस्पॉन्स दिया था। सर्वे में 78 फीसदी लोगों ने कहा कि सोशल मीडिया ने समाज में अनैतिक संबंधों को बढ़ावा दिया है। वहीं 64 फीसदी पाठक बोले कि सोशल मीडिया उनकेे महत्वपूर्ण फैसलों को प्रभावित करता है। हालांकि 88 फीसदी पाठक इंटरनेट को अच्छी चीज मानते हैं।


पढ़िए सभी सवालों पर क्या रही देश और जयपुर की राय


1). कितनी देर बिना बेचैनी मोबाइल से दूर रह सकते हैं?

























देश क्या सोचता है जयपुर क्या सोचता है
11%आधा घंटा10%
80%आधे घंटे से ज्यादा83%
9% बिल्कुल नहीं7%

2). सोशल मीडिया फैसलों को प्रभावित करता है?




















देश ने बोला... जयपुर ने बोला...
64%हां68%
36%नहीं32%

3). सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक करना चाहिए?




















देश ने यह जवाब दिया जयपुर ने यह जवाब दिया
38% हां45%
62%नहीं55%

4). अश्लील तस्वीर या द्विअर्थी हेडलाइन देखकर किसी लिंक पर क्लिक करते हैं?




















देश क्या सोचता है जयपुर क्या सोचता है
19% हां20%
81%नहीं80%

5). 92% लोगों को लगता है कि सोशल मीडिया अब दोस्तों-परिवार से जुड़ने की बजाय मत रखने का प्लेटफॉर्म ज्यादा बन गया है। जयपुर में ऐसे 92 फीसदी लोग हैं।


6). सोशल मीडिया पर कभी धोखा खाया है?




















ये है देश की राय ये है जयपुर की राय
23%हां29%
77%नहीं71%

7). कंडोम, सेक्स, सैनेटरी पैड जैसे टैबू माने जाने वाले विषयों पर बात करने में झिझक कम होने के पीछे के कारण-

























देश यह सोचता है जयपुर यह सोचता है
30%इंटरनेट है34%
8%पश्चिमीकरण है8%
62%जागरूकता है58%

8). अनैतिक संबंधों को बढ़ावा दिया है?




















देश का मानना है जयपुर का मानना है
78%हां80%
22%नहीं20%

9). 45% अब भी नेटफ्लिक्स/अमेजन प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट देखना पसंद नहीं करते। जयपुर में ऐसे 42 फीसदी लोग हैं।


10). इंटरनेट कैसा है?




















देश बोला... जयपुर बोला...
88%बहुत अच्छी चीज है87%
10%बहुत बुरी चीज है13%

पढ़िए सभी सवालों पर क्या रही देश और जोधपुर की राय


1). कितनी देर बिना बेचैनी मोबाइल से दूर रह सकते हैं?

























देश क्या सोचता है जोधपुर क्या सोचता है
11%आधा घंटा14%
80%आधे घंटे से ज्यादा79%
9% बिल्कुल नहीं7%

2). सोशल मीडिया फैसलों को प्रभावित करता है?




















देश ने बोला... जोधपुर ने बोला...
64%हां69%
36%नहीं31%

3). सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक करना चाहिए?




















देश ने यह जवाब दिया जोधपुर ने यह जवाब दिया
38% हां45%
62%नहीं55%

4). अश्लील तस्वीर या द्विअर्थी हेडलाइन देखकर किसी लिंक पर क्लिक करते हैं?




















देश क्या सोचता है जोध्रपुर क्या सोचता है
19% हां7%
81%नहीं83%

5). 92% लोगों को लगता है कि सोशल मीडिया अब दोस्तों-परिवार से जुड़ने की बजाय मत रखने का प्लेटफॉर्म ज्यादा बन गया है। जोधपुर में ऐसे 92 फीसदी लोग हैं।


6). सोशल मीडिया पर कभी धोखा खाया है?




















ये है देश की राय ये है जोधपुर की राय
23%हां21%
77%नहीं79%

7). कंडोम, सेक्स, सैनेटरी पैड जैसे टैबू माने जाने वाले विषयों पर बात करने में झिझक कम होने के पीछे के कारण-

























देश यह सोचता है जोधपुर यह सोचता है
30%इंटरनेट है42%
8%पश्चिमीकरण है8%
62%जागरूकता है50%

8). अनैतिक संबंधों को बढ़ावा दिया है?




















देश का मानना है जोध्रपुर का मानना है
78%हां73%
22%नहीं27%

9). 45% अब भी नेटफ्लिक्स/अमेजन प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट देखना पसंद नहीं करते। जोधपुर में ऐसे 43 फीसदी लोग हैं।


10). इंटरनेट कैसा है?




















देश बोला... जोध्रपुर बोला...
88%बहुत अच्छी चीज है85%
10%बहुत बुरी चीज है15%

पढ़िए सभी सवालों पर क्या रही देश और भोपाल की राय


1). कितनी देर बिना बेचैनी मोबाइल से दूर रह सकते हैं?

























देश क्या सोचता है भोपाल क्या सोचता है
11%आधा घंटा8%
80%आधे घंटे से ज्यादा85%
9% बिल्कुल नहीं7%

2). सोशल मीडिया फैसलों को प्रभावित करता है?




















देश ने बोला... भोपाल ने बोला...
64%हां63%
36%नहीं37%

3). सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक करना चाहिए?




















देश ने यह जवाब दिया भोपाल ने यह जवाब दिया
38% हां36%
62%नहीं64%

4). अश्लील तस्वीर या द्विअर्थी हेडलाइन देखकर किसी लिंक पर क्लिक करते हैं?




















देश क्या सोचता है भोपाल क्या सोचता है
19% हां21%
81%नहीं79%

5). 92% लोगों को लगता है कि सोशल मीडिया अब दोस्तों-परिवार से जुड़ने की बजाय मत रखने का प्लेटफॉर्म ज्यादा बन गया है। भोपाल में ऐसे 93 फीसदी लोग हैं।


6). सोशल मीडिया पर कभी धोखा खाया है?




















ये है देश की राय ये है भोपाल की राय
23%हां26%
77%नहीं74%

7). कंडोम, सेक्स, सैनेटरी पैड जैसे टैबू माने जाने वाले विषयों पर बात करने में झिझक कम होने के पीछे के कारण-

























देश यह सोचता है भोपाल यह सोचता है
30%इंटरनेट है27%
8%पश्चिमीकरण है66%
62%जागरूकता है07%

8). अनैतिक संबंधों को बढ़ावा दिया है?




















देश का मानना है भोपाल का मानना है
78%हां77%
22%नहीं23%

9). 45% अब भी नेटफ्लिक्स/अमेजन प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट देखना पसंद नहीं करते। भोपाल में ऐसे 44 फीसदी लोग हैं।


10). इंटरनेट कैसा है?




















देश बोला... भोपाल बोला...
88%बहुत अच्छी चीज है92%
10%बहुत बुरी चीज है08%

पढ़िए सभी सवालों पर क्या रही देश और इंदौर की राय


1). कितनी देर बिना बेचैनी मोबाइल से दूर रह सकते हैं?

























देश क्या सोचता है इंदौर क्या सोचता है
11%आधा घंटा7%
80%आधे घंटे से ज्यादा86%
9% बिल्कुल नहीं7%

2). सोशल मीडिया फैसलों को प्रभावित करता है?




















देश ने बोला... इंदौर ने बोला...
64%हां63%
36%नहीं37%

3). सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक करना चाहिए?




















देश ने यह जवाब दिया इंदौर ने यह जवाब दिया
38% हां36%
62%नहीं64%

4). अश्लील तस्वीर या द्विअर्थी हेडलाइन देखकर किसी लिंक पर क्लिक करते हैं?




















देश क्या सोचता है इंदौर क्या सोचता है
19% हां23%
81%नहीं77%

5). 92% लोगों को लगता है कि सोशल मीडिया अब दोस्तों-परिवार से जुड़ने की बजाय मत रखने का प्लेटफॉर्म ज्यादा बन गया है। इंदौर में ऐसे 96 फीसदी लोग हैं।


6). सोशल मीडिया पर कभी धोखा खाया है?




















ये है देश की राय ये है इंदौर की राय
23%हां20%
77%नहीं80%

7). कंडोम, सेक्स, सैनेटरी पैड जैसे टैबू माने जाने वाले विषयों पर बात करने में झिझक कम होने के पीछे के कारण-

























देश यह सोचता है इंदौर यह सोचता है
30%इंटरनेट है29%
8%पश्चिमीकरण है7%
62%जागरूकता है64%

8). अनैतिक संबंधों को बढ़ावा दिया है?




















देश का मानना है इंदौर का मानना है
78%हां79%
22%नहीं21%

9). 45% अब भी नेटफ्लिक्स/अमेजन प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट देखना पसंद नहीं करते। इंदौर में ऐसे 46 फीसदी लोग हैं।


10). इंटरनेट कैसा है?




















देश बोला... इंदौर बोला...
88%बहुत अच्छी चीज है91%
10%बहुत बुरी चीज है9%

पढ़िए सभी सवालों पर क्या रही देश और ग्वालियर की राय


1). कितनी देर बिना बेचैनी मोबाइल से दूर रह सकते हैं?

























देश क्या सोचता है ग्वालियर क्या सोचता है
11%आधा घंटा12%
80%आधे घंटे से ज्यादा80%
9% बिल्कुल नहीं8%

2). सोशल मीडिया फैसलों को प्रभावित करता है?




















देश ने बोला... ग्वालियर ने बोला...
64%हां62%
36%नहीं38%

3). सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक करना चाहिए?




















देश ने यह जवाब दिया ग्वालियर ने यह जवाब दिया
38% हां40%
62%नहीं60%

4). अश्लील तस्वीर या द्विअर्थी हेडलाइन देखकर किसी लिंक पर क्लिक करते हैं?




















देश क्या सोचता है ग्वालियर क्या सोचता है
19% हां20%
81%नहीं80%

5). 92% लोगों को लगता है कि सोशल मीडिया अब दोस्तों-परिवार से जुड़ने की बजाय मत रखने का प्लेटफॉर्म ज्यादा बन गया है। ग्वालियर में ऐसे 91 फीसदी लोग हैं।


6). सोशल मीडिया पर कभी धोखा खाया है?




















ये है देश की राय ये है ग्वालियर की राय
23%हां27%
77%नहीं73%

7). कंडोम, सेक्स, सैनेटरी पैड जैसे टैबू माने जाने वाले विषयों पर बात करने में झिझक कम होने के पीछे के कारण-

























देश यह सोचता है ग्वालियर यह सोचता है
30%इंटरनेट है28%
8%पश्चिमीकरण है8%
62%जागरूकता है66%

8). अनैतिक संबंधों को बढ़ावा दिया है?




















देश का मानना है ग्वालियर का मानना है
78%हां78%
22%नहीं22%

9). 45% अब भी नेटफ्लिक्स/अमेजन प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट देखना पसंद नहीं करते। ग्वालियर में ऐसे 44 फीसदी लोग हैं।


10). इंटरनेट कैसा है?




















देश बोला... ग्वालियर बोला...
88%बहुत अच्छी चीज है93%
10%बहुत बुरी चीज है7%

पढ़िए सभी सवालों पर क्या रही देश और पटना की राय


1). कितनी देर बिना बेचैनी मोबाइल से दूर रह सकते हैं?

























देश क्या सोचता है पटना क्या सोचता है
11%आधा घंटा13%
80%आधे घंटे से ज्यादा74%
9% बिल्कुल नहीं13%

2). सोशल मीडिया फैसलों को प्रभावित करता है?




















देश ने बोला... पटना ने बोला...
64%हां68%
36%नहीं32%

3). सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक करना चाहिए?




















देश ने यह जवाब दिया पटना ने यह जवाब दिया
38% हां39%
62%नहीं61%

4). अश्लील तस्वीर या द्विअर्थी हेडलाइन देखकर किसी लिंक पर क्लिक करते हैं?




















देश क्या सोचता है पटना क्या सोचता है
19% हां29%
81%नहीं71%

5). 92% लोगों को लगता है कि सोशल मीडिया अब दोस्तों-परिवार से जुड़ने की बजाय मत रखने का प्लेटफॉर्म ज्यादा बन गया है। पटना में ऐसे 95 फीसदी लोग हैं।


6). सोशल मीडिया पर कभी धोखा खाया है?




















ये है देश की राय ये है पटना की राय
23%हां33%
77%नहीं67%

7). कंडोम, सेक्स, सैनेटरी पैड जैसे टैबू माने जाने वाले विषयों पर बात करने में झिझक कम होने के पीछे के कारण-

























देश यह सोचता है पटना यह सोचता है
30%इंटरनेट है32%
8%पश्चिमीकरण है7%
62%जागरूकता है61%

8). अनैतिक संबंधों को बढ़ावा दिया है?




















देश का मानना है पटना का मानना है
78%हां76%
22%नहीं24%

9). 45% अब भी नेटफ्लिक्स/अमेजन प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट देखना पसंद नहीं करते। पटना में ऐसे 51 फीसदी लोग हैं।


10). इंटरनेट कैसा है?




















देश बोला... पटना बोला...
88%बहुत अच्छी चीज है86%
10%बहुत बुरी चीज है14%

पढ़िए सभी सवालों पर क्या रही देश और रांची की राय


1). कितनी देर बिना बेचैनी मोबाइल से दूर रह सकते हैं?

























देश क्या सोचता है रांची क्या सोचता है
11%आधा घंटा13%
80%आधे घंटे से ज्यादा74%
9% बिल्कुल नहीं13%

2). सोशल मीडिया फैसलों को प्रभावित करता है?




















देश ने बोला... रांची ने बोला...
64%हां66%
36%नहीं34%

3). सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक करना चाहिए?




















देश ने यह जवाब दिया रांची ने यह जवाब दिया
38% हां54%
62%नहीं46%

4). अश्लील तस्वीर या द्विअर्थी हेडलाइन देखकर किसी लिंक पर क्लिक करते हैं?




















देश क्या सोचता है रांची क्या सोचता है
19% हां26%
81%नहीं74%

5). 92% लोगों को लगता है कि सोशल मीडिया अब दोस्तों-परिवार से जुड़ने की बजाय मत रखने का प्लेटफॉर्म ज्यादा बन गया है। रांची में ऐसे 97 फीसदी लोग हैं।


6). सोशल मीडिया पर कभी धोखा खाया है?




















ये है देश की राय ये है रांची की राय
23%हां43%
77%नहीं57%

7). कंडोम, सेक्स, सैनेटरी पैड जैसे टैबू माने जाने वाले विषयों पर बात करने में झिझक कम होने के पीछे के कारण-

























देश यह सोचता है रांची यह सोचता है
30%इंटरनेट है18%
8%पश्चिमीकरण है14%
62%जागरूकता है68%

8). अनैतिक संबंधों को बढ़ावा दिया है?




















देश का मानना है रांची का मानना है
78%हां68%
22%नहीं32%

9). 45% अब भी नेटफ्लिक्स/अमेजन प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट देखना पसंद नहीं करते। रांची में ऐसे 38 फीसदी लोग हैं।


10). इंटरनेट कैसा है?




















देश बोला... रांची बोला...
88%बहुत अच्छी चीज है89%
10%बहुत बुरी चीज है11%

पढ़िए सभी सवालों पर क्या रही देश और रायपुर की राय


1). कितनी देर बिना बेचैनी मोबाइल से दूर रह सकते हैं?

























देश क्या सोचता है रायपुर क्या सोचता है
11%आधा घंटा12%
80%आधे घंटे से ज्यादा82%
9% बिल्कुल नहीं6%

2). सोशल मीडिया फैसलों को प्रभावित करता है?




















देश ने बोला... रायपुर ने बोला...
64%हां62%
36%नहीं38%

3). सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक करना चाहिए?




















देश ने यह जवाब दिया रायपुर ने यह जवाब दिया
38% हां34%
62%नहीं66%

4). अश्लील तस्वीर या द्विअर्थी हेडलाइन देखकर किसी लिंक पर क्लिक करते हैं?




















देश क्या सोचता है रायपुर क्या सोचता है
19% हां24%
81%नहीं76%

5). 92% लोगों को लगता है कि सोशल मीडिया अब दोस्तों-परिवार से जुड़ने की बजाय मत रखने का प्लेटफॉर्म ज्यादा बन गया है। रायपुर में ऐसे 94 फीसदी लोग हैं।


6). सोशल मीडिया पर कभी धोखा खाया है?




















ये है देश की राय ये है रायपुर की राय
23%हां26%
77%नहीं74%

7). कंडोम, सेक्स, सैनेटरी पैड जैसे टैबू माने जाने वाले विषयों पर बात करने में झिझक कम होने के पीछे के कारण-

























देश यह सोचता है रायपुर यह सोचता है
30%इंटरनेट है26%
8%पश्चिमीकरण है4%
62%जागरूकता है70%

8). अनैतिक संबंधों को बढ़ावा दिया है?




















देश का मानना है रायपुर का मानना है
78%हां75%
22%नहीं25%

9). 45% अब भी नेटफ्लिक्स/अमेजन प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट देखना पसंद नहीं करते। रायपुर में ऐसे 46 फीसदी लोग हैं।


10). इंटरनेट कैसा है?




















देश बोला... रायपुर बोला...
88%बहुत अच्छी चीज है93%
10%बहुत बुरी चीज है7%

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