*मीठा (शकर)और स्वास्थ्य पर पड़ता बुरा असर
कुछ मीठा हो जाय ।
भारतीयों की परंपरा है' अथिति देवो भवः' भाव से हर पल सेवा के अवसर पर मुह मीठा ।
अनेक अवसरों पर नियमित रूप से मीठे का प्रयोग करते है ।
जैसे
किसी भी अथिति का स्वागत चाय या काफी से ।
विवाह या त्योहार अवसर पर विभिन्न मिठाईयां ।
किसी भी शुभ आयोजन जैसे जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ आदि में विभिन्न प्रकार के मिष्ठान, केक ।
आजकल विभिन्न क्लबो या किंटी पार्टी में भी मीठा एक अहम रोल में नजर आता है ।
यहां तक कि मृत्यु भोज अवसर पर भी कुछ न कुछ मीठा हो ही जाता है ।
क्या आप जानते है कि हमारे शरीर की जरूरत का अधिकांश मीठा(मृदु) हिस्सा हम विभिन्न प्रकार के फल और खाद्य से भी प्राकृतिक रूप से प्राप्त करते रहते है ।जैसे फल, सब्जी, दूध और दूध से बने आहार ।उसके अतिरिक्त भी निर्मित सफेद शकर के रूप में दिन भर कही न कही मीठा हमारे आहार का प्रमुख हिस्सा बन जाता है ।
'यही मीठा प्यास की पहली पुकार' के नाम से विभिन्न कोल्ड्रिंक / पैय में इतना अधिक परोसा जा रहा है कि हमारे देश की मधुमेह और मोटापे के रूप में तबियत बिगड़ने लगी है ।
विभिन्न प्रकार के सॉफ्ट ड्रिंक्स, फ्रूट ज्यूस, कैंडी और मिठाईयां, पेस्टी, केक और बेकिंग फ़ूड, कुकिंग फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड, सास में कही न कही शकर किसी न किसी रूप में हिस्सा बनकर हमारे आहार में शामिल हो जाती है ।
यहां तक कि गुजरात मे तो मीठे बगेर बात ही आगे नही बढ़ती ।
आजकल विभिन्न पार्टियों और अवसरों पर मीठा एक पूर्ण प्रकल्प के रूप में नजर आता है ।जैसे विभिन्न प्रकार की मिठाईयां, हलवा ,मीठा दूध, आइसक्रीम , चाय , काफी, पेस्ट्री,कोल्ड ड्रिंक, शेक ,फ्रूट बियर , सोडा मिक्स आदि ।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार पुरुष ने 37.5 ग्राम याने 9 चम्मच और महिलाओं ने 25 ग्राम याने 6 चम्मच शकर प्रतिदिन से अधिक का सेवन नही करना चाहिए ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भोजन से ली गई ऊर्जा में शक्कर 10 प्रतिशत से अधिक नही होना चाहिए
शकर के कारण आज हम विभिन्न प्रकार के रोगों के शिकार हो रहे है जैसे टाइप 2 डाइबिटीज, मोटापा, उच्च रक्त चाप,ह्रदय रोग, लिवर से सम्बंधित समस्याएं, दांतो का सड़ना ,केन्सर आदि ।
अधिक शक्कर वाले खाद्य पदार्थ रक्त में यूरिक एसिड बढ़ाते है जिसके कारण गठिया और ब्लड प्रेशर की समस्या होती है ।
सिंगापुर सरकार ने उक्त नुकसानों को चलते कोल्ड्रिंग आदि के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है ।
किसमे कितनी शक्कर एक अनुमान
कोल्डड्रिंग की एक बोतल में 40 ग्राम
टोमेटो केचप एक चम्मच में 4 ग्राम
एक गिलास विभिन्न ज्यूस में कम से कम लगभग 20 ग्राम
एक गिलास अंगूर जूस में 30 से 40 ग्राम
एक ग्राम सेब जूस में 25 से 30 ग्राम
इसलिए सभी फल आदि ज्यूस के बजाय प्राकृतिक रूप में लेना चाहिए ।प्राकृतिक रूप से खाये जाने वाले फल ही स्वास्थ्य वर्धक है ।भोजन के रूप में खाये जाने वाले खाद्य जैसे फल , सब्जी, रोटी या दूध आदि से बने आहार आदि में अन्य तत्वों के अलावा कार्बोहाइड्रेट भी होते है जिनसे हमे ऊर्जा मिलती है ।इनसे हमे ग्लूकोज मिलता है ।ग्लूकोज एक प्रकार की शक्कर है।
शक्कर दो तरह की होती है ग्लूकोज और फ्रुक्टोज़ ।चीनी (शकर) फ्रुक्टोज के रूप में होती है ।ग्लूकोज कोशिका के लिए जरुरी होता है जबकि फ्रक्टोज नही ।फ्रुक्टोज़ के रूप में ली जाने वाली अधिक शकर नुकसान पहुँचाती है ।
अशोक खण्डेलवाल चिकित्सासंसारलखधाााााााा
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