अयोध्या. उप्र केअयोध्या में धारा-144 लगा दी गई है, जो 10 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी। निषेधाज्ञा का असर अयोध्या में आने वाले दर्शनार्थियों व दीपोत्सव कार्यक्रम पर नहीं होगा। करीब 10 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स की मांग की गई है। काफी सुरक्षा बल अयोध्या पहुंच चुका है। इस निषेधाज्ञा को अयोध्या भूमि विवाद फैसले से जोड़करभी देखा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। माना जा रहा हैइससे पहले भूमि विवाद का फैसला आ सकता है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया किभगवान राम के राज्याभिषेक की याद में दीपोत्सव मनाया जाता है। इसलिए उनकी जन्मभूमि अयोध्या भी रोशन भी होनी चाहिए। विहिपअधिग्रहीत2.77 एकड़ परिसर में 5100 दियेजलाने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में मंडलायुक्त मनोज कुमार मिश्र से अनुमति मांगी गई। अधिग्रहीत भूमि के रिसीवर मंडलायुक्त हैं। मंडलायुक्त ने दीपोत्सव की इजाजत देने से इंकार कर दिया है।बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने कहा थाकियदि विहिप को अधिग्रहीत परिसर में दीपोत्सव मनाने की छूट मिली तो मुस्लिम भी वहां नमाज पढ़ने के लिए मंडलायुक्त से इजाजत मांगेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का आज 38वां दिन
सुप्रीम कोर्ट में दशहरे की हफ्तेभर की छुट्टी के बाद अयोध्या भूमि विवाद मामले में सोमवार से अंतिम दौर की सुनवाई होगी। संविधान पीठ में सुनवाई का यह 38वां दिन होगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने इस मुद्दे का हल निकालने के लिए मध्यस्थता प्रक्रिया के नाकाम होने के बाद 6 अगस्त से रोजाना कार्रवाई शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ 14 अपीलों पर सुनवाई कर रहा है। पीठ ने इस मामले में न्यायालय की कार्रवाई पूरी करने की समय सीमा की समीक्षा की थी और इसके लिए 17 अक्टूबर की सीमा तय की है। इसके बाद करीब चार हफ्ते तक फैसला लिखा जाएगा।
मुस्लिम पक्ष के बाद हिंदू पक्ष को दो दिन का समय
बेंच के सदस्यों में जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नजीर भी शामिल हैं। कोर्ट ने अंतिम चरण की दलीलों के लिए कार्यक्रम निर्धारित करते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष 14 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पूरी करेंगे और इसके बाद हिंदू पक्षकारों को जवाब देने के लिए 16 अक्टूबर तक 2 दिन का समय दिया जाएगा।
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