स्ट्रोक जल्द मोदी का मास्टर !केजरीवाल सावधान

दिल्ली विधान सभा चुनाव के करीब आते ही केंद्र सरकार भी अब सक्रिये हो चला है । केजरीवाल महिलाओं को अगर बसों में फ्री टिकिट देकर लुभा सकते हैं तो फिर मोदी जी क्यों न अपना स्टंट चलें ।दिल्ली की अवैध कॉलोनी को नियमित करने के लिए कैबिनेट की बैठक में एक अहम फैसला हो सकता है.मोदी के इस फेसले से लगभग 40 लाख दिल्ली वासियों का प्रभावित होना निश्चित है ।


कैबिनेट से मंजूरी के बाद संसद के इसी सत्र में बिल पेश किया जाएगा. अक्टूबर महीने में मोदी सरकार ने दिल्ली की 1797 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया था.
अक्टूबर में केंद्र सरकार ने दिल्ली में करीब 1800 कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को उनके घर का मालिकाना हक देने के फैसले को मंजूरी दी थी.  इन घरों को अब दिल्ली वासी आसानी से खरीद बेच सकेंगे. बिल को मंजूरी मिल जाती है तो इसे संसद में पास कराया जाएगा. सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर इससे जुड़ी शर्तें तय की जाएंगी और लोगों को घर के पक्के कागज़ मिल पाएंगे.


डीडीए इन अवैध कॉलोनियों का सैटेलाइट मैप पर रेखांकन करेगी. डीडीए की निगरानी में एक वेब पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा. प्रॉपर्टी के मालिकों को मालिकाना हक पाने के लिए इस पोर्टल पर अप्लाई करना होगा. फिर दिल्ली सरकार के तहत घर की रजिस्ट्री होगी. डीडीए लोकल एरिया को विकसित करने का प्लान भी तैयार करेगी. अवैध कॉलोनी चाहे वो सरकारी जमीन पर हो या निजी जमीन पर सभी को मालिकाना हक मिलेगा. साथ ही इस घर के एवज में लोगों को लोन भी मिल सकेगा.


सरकार इन कॉलोनियों को वैध कॉलोनी करार देते हुए वहां सारी बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल की व्यवस्था करेगी. रजिस्ट्री में स्टाम्प ड्यूटी कितनी होगी ये केंद्र सरकार जो बिल पेश करेगी उसमें तय होगा.अगर कोई सीधे एक बार में ही स्टांप ड्यूटी भरता है तो उसे तुरंत मालिकाना हक दिया जाएगा.अगर स्टांप ड्यूटी आप किस्तों में देते हैं, तो दो किस्त देने के बाद आपको अपने मकान का मालिकाना हक दे दिया जाएगा. अगर आप अपनी किस्त देने में देरी कर देते हैं, तो आपको 8% सालाना ब्याज देना पड़ेगा. डीडीए के पास स्टाफ की कमी है. प्रक्रिया पूरी करने में उसे आउटसोर्सिंग करनी पड़ेगी. केंद्र और राज्य सरकार की नोक-झोंक भी प्रक्रिया को लंबा कर सकती है.


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