*आखिर बाबा साहब ही नं. 1 क्यों थे*
जब कि गांधी भी Barrister थे, नेहरु भी Barrister थे,
राज गोपाला चारी, मुंशी,
बी. एन. राव ,
जे . बी . कृपलानी
ऐसे बहुत सारे लोग थे ।
*फिर बाबासाहब को ही संविधान क्यों लिखना पड़ा...?*
ज्ञात रहे कि 1946 मे Constitution Assembly के election हुए थे,
नेहरु और पटेल ने यह declare किया था कि ,
*"हमने इस संविधान सभा के सारे दरवाजे , खिडकिया बंद कर दिये हैं, देखते है बाबा साहब कैसे अन्दर आते हैं?"*
*यह उस वक्त की political स्थिति थी ।*
क्योंकि वो सब लोग जानते थे कि
*"बाबासाहब वो व्यक्ति हैं जो हमारी कोंग्रेस को नहीं मानते, गांधी को नहीं मानते, नेहरू को नहीं मानते और पुरे देश और दुनिया मे इनकी अपनी एक अलग position है ।*
Constitution तो वह तब लिखेंगे जब वे संविधान सभा मे आयेंगे , हम उनको संविधान सभा मे आने हि नही देंगे , हम उन्हे जीतने ही नहीं देंगें ..."
ऐसा Open Declaration वल्लभभाई पटेल ने दिया था.!
*इसलिये बाबा साहब को संविधान सभा मे जाने के लिये ventilator के सहारे जाना पडा, वो ventilator था,*
*"जैसुर-खुलना"* बंगाल का इलाका, वहा से बाबासाहब को चुनाव लड़ना पडा था और बाबासाहब संविधान सभा मे चुने गये ।
3 जुन 1947 मे भारत और पाकिस्तान का बंटवारा करके बाबा साहब का वह इलाका पाकिस्तान के हवाले जान बूझकर किया गया था।
बाबासाहब कांग्रेस की गद्दारी से पाकिस्तान सविधान सभा के मेंबर बन गए थे।
तब बाबासाहब ने प्रेशर से काम किया ।
उस वक्त भारत मे 560 रियासतों में से हैदराबाद भोपाल, त्रावनकोर, कोल्हापूर, इनको भारत मे कैसे शामिल किया जाये , इनका Constitutional Settlement कैसे किया जाये इसके लिये British Cabinet की Meeting हुई ।
हैदराबाद, त्रावनकोर, कश्मीर इन तीनों राज्यों ने ये declare किया कि, हम भारत मे शामिल नहीं होंगे, हम पाकिस्तान की तरह स्वतंत्र होंगे ।
उस वक्त नेहरु, पटेल और गांधी किसी को ये समझ मे नहीं आ राहा था कि, इन 565 रियासतों को किस तरह settlement किया जाये..!
*17 जुन 1947 में बाबासाहब ने International Press को संबोधित किया ।*
जिसमें उन्होने मुख्यतः तीन बाते बोली....
1) ब्रिटिश पार्लियामेंट को भारत के राज्य के संप्रभुता, सार्वभौम के उपर Law बनाने का कोइ अधिकार नहीं हैं !
ऐसा कोइ International Law नहीं हैं । जिसके तहत ये राज्य भारत मे रहेंगे, या नहीं रहेंगे ये decide करने का अधिकार और power ब्रिटीश पार्लियामेंट के पास नहीं हैं..!
2) और इन सारे राज्यों के राजाओ से अपिल है कि, "अगर तुम सोचते हो कि आप सयुक्त राष्ट्र मे जाओगे , और सयुक्त राष्ट्र भारत की सार्व भौमिकता नजर अंदाज करके आपको Independent बनायेगा तो आपसे बडा ना समझ कोई नहीं है..! "
3) इन सारे राजाओं को बाबासाहब ने कहा, " आप सभी भारत मे शामिल हो जाओ , हम इसी देश के अंदर आपका Constitutional Settlement कर सकते हैं और हम एक बडा राष्ट्र बना सकते हैं..!" और यह सब बाबासाहब ने तब कहा था, जब नेहरु, गांधी और पटेल को समझ मे नहीं आ रहा था कि इन राज्यों का Integration कैसे किया जाये ...!
*बाबासाहब आंबेडकर को संविधान लिखने का मौका क्यूं मिला इसके दो मुख्य कारण हैं..*
1) उस समय बाबासाहब से बडा Constitutional expert, Constitutional philosopher दुनिया मे कोई नहीं था ....
1927 में Bombay legislative council से लेकर labour Ministry, Constitute assembly तक जो बाबासाहब आंबेडकर ने विविध legislative के काम किये थे उसे पूरी दुनिया जानती थी !
Govt. Of India act 1935 जो बना , उसके लिये जो तीन Rountable Conferences हुइ उसमें बाबासाहब ने जो views दिये थे । उनका 50% amendment Govt. Of India act 1935 मे हूआ था !
2) मुसलमानों के बाद भारत में दूसरा सबसे बडा Minority,
Scheduled Caste ग्रुप था,
और बाबासाहब आंबेडकर ने ये stand लिया था कि, अगर बनने वाले संविधान में हमारे संवैधानिक अधिकार सुरक्षित नहीं रखे गये तो, वह संविधान हमें मंजूर नहीं होगा ।
नेहरू और गांधी को ये डर था कि, यदि partition of India हुआ और उसके बाद अगर संवैधानिक solution नहीं मिला, तो भारत के 565 टुकडे हो सकते हैं ।
भारत का balkanization हो सकता हैं । और अगर ये हमे रोकना हैं, तो एक ही आदमी इस देश को बचा सकता है, और वो हैं Dr बाबासाहब आंबेडकर.....
और इसलिए Dr. बाबासाहब आंबेडकर को संविधान लिखने का मौका मिला .
संविधान सभा मे Drafting कमेटी को मिलाकर total 23 कमेटीया बनीं ।
जिसमें से 20 कमेटीयों में अकेले बाबा साहेब ने ही काम किया और संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया ।
इससे यह मालुम होता हैं कि बाबा साहब दुनिया के सबसे बडे Constitutional Expert थे....।
Drafting कमेटी मे जितने लोग थे उनमे से कोई बिमार हुआ,
कोई छुट्टी पर चला गया,
कोई विदेश गया ,
कोई अपने घर के कामों में व्यस्त रहा ।
किसी ने रिजाईन किया वह जगह खाली वह रही ।
इसलिये खुद टी टी .कृश्नामाचारी बोले कि " पूरा संविधान बनाने का काम अकेले बाबासाहब पर आ गया और उन्होने उसे बहुत खूबी से निभाया !"
इसलिये 1950 के बाद नया भारत बना।
जिसे हम लोक तांत्रिक और संविधानिक भारत कहते हैं, जिसका बाबा साहब ने निर्माण किया ।
" इसलिये देखा जाए तो सही मायनों में लोकतांत्रिक और संवैधानिक भारत के राष्ट्रपिता Dr. बाबासाहब आंबेडकर ही हैं", ये हमे समझने कि जरुरत हैं।
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