*पानीपत/यमुनानगर तथाकथित 14 वीं सदी में फिरोजशाह तुगलक जिले के गांव टोपरा कलां से अशोक स्तंभ उखाड़ ले गए थे दो भाई सिद्धार्थ व डॉ. सत्यदीप नील गौरी के प्रयासों से अब यहां देश का सबसे बड़ा अशोक चक्र स्थापित हो गया*
*लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने 2020 में भारत का सबसे बड़ा धर्म चक्र होने का प्रमाण पत्र दिया है। लंबे समय से इसके लिए प्रयास हो रहे थे। सम्राट अशोक ने करीब 2500 साल पहले अशोक चक्र व स्तंभ स्थापित किया था अब यह चक्र हमारा राष्ट्रीय चिन्ह है*
*10 साल से हो रहे थे प्रयास:*
*बौद्धिष्ठ फोरम के अध्यक्ष डॉ. सत्यदीप नील गौरी व महासचिव सिद्धार्थ गौरी बताते हैं कि 10 साल से यहां पर अशोक चक्र स्थापित करने के प्रयास हो रहे थे इसके लिए दिल्ली चंडीगढ़ की काफी दौड़ लगानी पड़ी तब टोपरा कलां के सरपंच के सहयोग से गत वर्ष यहां पर 30 फीट ऊंचा और 24 तीलियों वाला चक्र स्थापित किया गया*
*छह टन का है ये चक्र:*
*अशोक चक्र नॉन आर्मेचर संरचना है छह टन भारी सुनहरे रंग के चक्र को तैयार करने में 240 दिन लगे राज्यसभा सदस्य सुभाष चंद्रा व पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन ने इसका उद्घाटन किया था*
*तथाकथित शिकार के लिए आया था तुगलक ले गया स्तंभ:*
*डॉक्टर गौरी बताते हैं कि 1453 में फिरोजशाह तुगलक टोपरा कलां में शिकार के लिए आया था तब उसकी नजर इस स्तंभ पर पड़ी पहले इसको तोड़ना चाहता था लेकिन बाद में इसे अपने साथ दिल्ली ले जाने का मन बनाया और अपने महल पर लगवाया*
*तारीख-ए-फिरोजशाही में इसका वर्णन:*
*इस बात का वर्णन इतिहासकार श्यामे सिराज ने तारीख-ए-फिरोजशाही में किया है यमुना के रास्ते इस स्तंभ को दिल्ली ले जाने के लिए बड़ी नाव तैयार की गई स्तंभ पर कोई खरोंच न पड़े, इसलिए उसे रेशम व रुई में लपेटा गया था*
*आठ हजार लोग यमुना के रास्ते ले गए:*
*उन्होंने बताया कि टोपरा कलां से यमुना नदी तक इसे ले जाने के लिए 42 पहियों की गाड़ी तैयार की गई थी जिसे आठ हजार लोगों ने खींचा था 18 वीं शताब्दी में सबसे पहले एलेग्जेंडर कनिंघम ने साबित किया था कि यह स्तंभ टोपरा कलां से दिल्ली लाया गया है उसके सहकर्मी जेम्स प्रिंसेप ने पहली बार ब्रह्मी लिपी में लिखे संदेश को पढ़ा था तथागत बुद्ध के आने के बाद सम्राट अशोक ने टोपरा कलां गांव में स्तंभ स्थापित किया था*
*सम्राट अशोक ने गुजरात में बनवाया था स्तंभ:*
*सम्राट अशोक ने गुजरात की गिरनार की पहाडिय़ों में स्तंभ को बनवाया था इसकी लंबाई 42 फीट व चौड़ाई 2.5 फीट है इस स्तंभ पर प्राचीन ब्रह्मी लिपी और प्राकृत भाषा में सात राजाज्ञाएं खुदी हुई हैं देश का यह एकमात्र स्तंभ है जिस पर सात राजाज्ञाएं अंकित हैं*
*इनका भी रहा सहयोग:*
*कमल इंजीनियरिंग से अनिल कुमार ने विशाल चक्र में डिजाइिनिंग और निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई सुरजीत टाइगर सिविल ठेकेदार हिसार से इंटीरियर डिजाइनर संजय सैनी व राजकुमारी (गुरु नानक गल्र्स कॉलेज की छात्रा) ने इस धर्म चक्र को बनाने में बहुमूल्य जानकारियां दीं*
*गौरवान्वित महसूस कर रहा: मुनीष कुमार*
*टोपरा कलां के सरपंच मुनीष कुमार नेहरा का कहना है कि इस उपलब्धि से हम खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं पदम भूषण अवार्डी दर्शन लाल जैन ने कहा कि लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अशोक चक्र के निर्माण से आसपास के गांवों में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मूल्य बढ़ेंगे*
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