कानपुर। कोरोना वायरस को रोकने के लिए फेस मास्क सबसे जरूरी चीज है, जिसका इस्तेमाल इस समय पूरी दुनिया कर रही है। दरअसल हम सब जानते हैं कि कोरोना वायरस की अब तक कोई भी दवा या वैक्सीन नहीं बनी है। ऐसे में बचाव ही इसका सबसे बड़ा इलाज है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कोरोना वायरस से बचाने वाला यह फेस मास्क आपको एक झटके में कोविड-19 का मरीज बना सकता है? नहीं, तो आपको यह खबर ध्यान से पढ़नी चाहिए, क्योंकि एक शोध में पता चला है कि फेस मास्क पर कोरोना वायरस सात दिनों के बाद तक जिंदा रह सकता है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए अन्य परीक्षण के अतिरिक्त सर्जिकल फेस मास्क का डिफरेन्शियल प्रेशर टेस्ट द्वारा ब्रिथबिलिटी टेस्ट अनिवार्यतः किया जाता है। ब्रिथबिलिटी टेस्ट ऐपरैटस एयरफ्लो, तापमान और आर्द्रता की खास परिस्थिति में पूरे सर्जिकल मास्क में प्रेशर ड्रॉप सुनिश्चित करता है। यह मास्क में ब्रिथबिलिटी (वायु की उपलब्धता) है। आयुध निर्माणी कानपुर ने एक ऐसा ही सर्जिकल फेस मास्क ब्रिथबिलिटी टेस्ट ऐपरैटस तैयार किया है, जिसका नाम 'चरक' है। चरक से मास्क की ब्रिथबिलिटी को जांचने के लिए किया जाता है। आयुध निर्माणी कानपुर ने संगत मानकों जैसे (आईएस 16289:2014) के अनुरूप 1हफ्ते के अंदर यह टेस्ट अपेरटस तैयार किया है। यह डिवाइस डिफरेंशियल प्रेशर मापता है, जिसे 8 लीटर प्रति मिनट के नियत एअरफ्लो पर टेस्ट के अंतर्गत सर्जिकल मास्क के एअर एक्सचेंज प्रेशर के रूप में जाना जाता है। टेस्ट ऐपरैटस के एक सिरे पर एक इलेक्ट्रिक वैक्यूम पंप की सहायता से मास्क में 8 लीटर प्रति मिनट की दर पर एयरफ्लो रेगुलेट किया जाता है। फ्लोमीटर में फिट किए गए वाल्व की सहायता से एअरफ्लो रेगुलेट किया जाता है। एअरफ्लो मापने के लिए फ्लोमीटर का उपयोग किया जाता है।
Comments
Post a Comment