हर प्रवासी मजदूर के खाने का प्रबंध व 2000 रूपए खाते में भेजा जाए
सीएम को पत्र भेज वर्कर्स फ्रंट ने की मांग
विभिन्न संगठनों द्वारा कोविड-19 के संक्रमण के कारण हुए लाकडाउन में प्रदेश के बाहर रह रहे श्रमिकों को वापस उनके घर वापस पहुंचाने की मांग को सरकार द्वारा स्वीकार करने का स्वागत करते हुए वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने इस सम्बंध में बने विभ्रम को दूर करने की मांग की है। दरअसल कल आयोजित बैठक के बाद दो बयान प्रदेश सरकार द्वारा प्रेस को जारी किए गए। मुख्यमंत्री के हवाले से जारी बयान में सभी प्रवासी मजदूरों वापस लाने की बात थी वहीं अपर मुख्य सचिव (गृह व सूचना) द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि अन्य राज्यों में 14 दिन क्वारंटीन कर चुके उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश मुख्यमंत्री जी ने दिया है। इससे प्रवासी मजदूरों में भय और भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है। इसलिए वर्कर्स फ्रंट ने आज मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मांग की है कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस लाने के सम्बंध में सरकार की नीति को स्पष्ट करता हुआ आदेश जारी किया जाए और प्रदेश के सभी प्रवासी श्रमिकों को वापस बुलाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
पत्र में महाराष्ट्र, तमिलनाडु व गुजरात के कई मजदूरों की बुरी हालत को संज्ञान में लाते हुए बताया गया कि राज्यों के नोडल अधिकारियों के यहां अपनी शिकायत दर्ज कराने के बावजूद श्रमिकों को न तो खाना मिल पा रहा है और न ही इनके रहने की व्यवस्था है। आमतौर पर प्रवासी मजदूरों के पास पैसा भी खत्म हो गया है। इसलिए मांग की गयी कि विभिन्न राज्यों में मौजूद प्रदेश के श्रमिकों की जीवन रक्षा के लिए तत्काल भोजन का प्रबंध किया जाए व झारखण्ड़ और बिहार सरकार की तरह न्यूनतम 2000 हजार रूपए मजदूरों के खाते में भेजा जाए। साथ ही प्रवासी श्रमिकों की सूची बनाने का कार्य जिलाधिकारी व नोडल अधिकारी दोनों स्तर पर किया जाए।
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