आर्थिक तंगी से जूझ रहा कानपुर नगर निगम, केन्द्र व प्रदेश सरकार से लगायी फरियाद


सार्वजनिक उपक्रमों पर नगर निगम का करोड़ों रुपया है बकाया
- बकाया सूची में राज्य सरकार के 21 विभाग और केन्द्र सरकार के पांच विभाग -
कानपुर। कानपुर नगर निगम वसूली के मामले में काफी पीछे चल रहा है, हालांकि सीधे जनता वाले टैक्स तो मिल रहे हैं पर सरकारी विभागों के खाते वाले टैक्स नहीं मिल पा रहे हैं। इसके चलते नगर निगम इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और केन्द्र व प्रदेश सरकार से आर्थिक तंगी दूर करने की फरियाद लगायी है।

आर्थिक तंगी से जूझ रहा कानपुर नगर निगम अब केंद्र व राज्य सरकार के सामने तंगी को दूर करने की फरियाद कर रहा है। नगर निगम ने शासन से अपने लगभग 270 करोड़ रुपये मांगे है। बताते चलें कि केंद्र और राज्य सरकार के साथ सार्वजनिक उपक्रम संस्थानों पर नगर निगम का करोड़ों रुपया बकाया है। जिसके कारण राजस्व संग्रह कम होने से नगर निगम को अपने अधिकारियों, कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को वेतन पेंशन देने में मुश्किल हो रही है। बकाया सूची में राज्य सरकार के 21 विभाग,  केंद्र सरकार के 6 सार्वजनिक उपक्रम और 5 विभागों के नाम शामिल है। इसमें भारतीय रेलवे सबसे बड़ा बकायेदार है। इसके साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड सबसे बड़ा बकायेदार है तो वहीं दूसरा बड़ा बकायादार इंडियन बॉटलिंग प्लांट है। जबकि राज्य सरकार के 60 विभागों जैसे केस्को, वस्त्र भवन, कानपुर विकास प्राधिकरण, पावर हाउस और लेबर ऑफिस शामिल है।

नगर आयुक्त ने शासन को लिखा पत्र

इन विभागों से धन वापसी के लिए नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक कुमार को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने बकाया राशि को शासन स्तर पर ही काट कर नगर निगम को सौंपने की बात कही है। साथ ही वह लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सरकारी प्रतिनिधियों और सरकार से चर्चा भी कर रहे हैं।


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