बस्ती कोरोना लॉक डाउन जैसी विषम परिस्थिति में प्रवासी मजदूरों की हालात देशभर में चिंतन का विषय आज बन चुका है मजदूरों की वर्तमान लाचारी अपने आप में एक भयावक रूप ले चुकी हैं हमारा सरकारी तंत्र भी इन बेसहारों का सहारा बनने में पूरी तरह कामयाब नहीं हो पा रहा है ऐसे में यदि भूखे परेशान बेहाल लोगों के लिए विचार किए बगैर यदि कोई अपना व्यक्तिगत व्यय करके ऐसे लोगों की खाने-पीने व अन्य जरूरी व्यवस्थाओं कर अपना संपूर्ण योगदान करता है तो वह एक मिसाल के रूप में लोगों में इंसानियत का संदेश पहुंचाता है
करमा देवी शैक्षणिक संस्थान की प्रबंधक श्रीमती नीता सिंह बस्ती द्वारा माइग्रेट प्रवासी मजदूरों के लिए निस्वार्थ निशुल्क 24 घंटे खाने की व्यवस्था दौरान लॉक डाउन में निरंतर की जा रही है जिससे बस्ती गोरखपुर मार्ग पर नेशनल हाईवे निकट फुटहिया चौराहा पर कैंप लगाकर निशुल्क भोजन व स्वच्छ आरओ का पानी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हर आने जाने वाले सरकारी गैर सरकारी वाहनों को रोककर सेवा उपलब्ध करा बहुत बड़ी राहत का बेमिसाल कार्य करमा देवी शैक्षणिक संस्थान कर रही है जो लोगों के लिए इंसानियत की एक मिसाल बन इंसानियत का संदेश पहुंचा रही है
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