कानपुर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमम को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। लॉकडाउन की वजह से आम से लेकर खास लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी क्रम में किन्नर समाज अक्सर जब किसी के घर खुशी का मौका होता है, तो ढोलक लेकर ताली बजाते, नाचते किन्नर उनके घर बधाई लेने पहुंच जाते हैं। कानपुर जिले के मसवानपुर के ये किन्नर आज तक लोगों की खुशी में तो शामिल होते ही थे, लॉक डाउन के समय से दुख में भी मददगार के तौर पर उनके साथ खड़े हैं। मसवानपुर कपूर किन्नर समाज ने आर्थिक तंगी को देखते हुए उन्होंने केसवपुराम स्थित दुर्गा पार्टी लॉन में कम्युनिटी किचिन को सुरुआत करने के लिए 2 लाख की आर्थिक मदद और अन्य जरूरी सामानों की मदद की। किन्नर मंजू कपूर कहती हैं हम कौन सा अपना दे रहे हैं, ये उन्हीं का तो है। दान की चीज जरूरतमंदों के साथ बांट कर ही खाना चाहिए। किन्नर मंजू ने बताया अपना दर्द बताते हुए कहा जिलाधिकारी से मिल कर बताऊंगी कि अब किन हालातो में कट रही है हमारे समाज की जिंदगी। अब कैसे माँगू जजमानों के घर जाकर दान। सभी सदस्य सुबह-शाम 30-30 मिनट सामूहिक रूप से कोरोना जैसी महामारी के खात्मे के लिए ईश्वर, अल्ला से प्रार्थना करते और दुआएं मांगते हैं। वहीं, किन्नर नेहा तिवारी का कहना है कि गरीबों के लिए ये बड़ा मुश्किल का समय है। हमने पूरी कोशिश की है कि नियमों के दायरे में सब करें, ताकि संक्रमण ना फैले। किन्नर किस्मत कपूर से जब पूछा गया कि आप यूं चावल-दाल बचाकर रखने के बजाय बांट रही हैं, आप कहां से लाएंगी, वो हंसने लगी और कहती हैं कि हम और लोगों से मांग लेंगे। लेकिन हमारे आस-पास लोग भूखे पेट रहें तो चीजों को जमा कर हम अपनी आत्मा पर बोझ नहीं रख सकते। किन्नर प्रीत कपूर (14) ने अपनी कलम अपने समाज के जीवन को छूते हुए चलाई जो कभी भीड़ में तो कभी घर के आंगन में, कभी सड़क पर, तो कभी किसी महफिल में, कभी ढोलक की थाप पर, तो कभी तालियों की आवाज पर थिरकते हैं। वो भी इंसान है तथा उनके भी कई अरमान होते हैं। यानी किन्नरों की जिंदगी को छूती हुई उसकी पुस्तक ने उनके कई दर्द बयां किए हैं। प्रीत कपूर को लिखने का शौक तो बचपन से ही रहा है। वो कविताएं, चौपाइयां आदि भी लिखती है।।
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