कानपुर। अमूमन देखा जाता है कि भीड़-भाड़ वाले स्थान जैसे रेलवे स्टेशनों बस अड्डों आदि पर परिजनों की लापरवाही के कारण बच्चे परिजनों से बिछड़ जाते हैं और बच्चों व परिजनों को लंबे समय तक अलग अलग रहना पड़ता है उसी प्रकार का मामला सुभाष चिल्ड्रेन होम के संज्ञान मे आया जिसमें 12 वर्षीय बालिका राधा जोकि रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर के माध्यम से बाल कल्याण समिति कानपुर नगर के आदेशानुसार सुभाष चिल्ड्रेन होम मे आश्रित थी जिस के परिजनों की खोज के लिए सुभाष चिल्ड्रन होम के कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों से परिजनों की तलाश की गई और अंततः सफलता मिली और बालिका के परिजनों की तलाश हो सकी और बालिका को बाल कल्याण समिति कानपुर नगर के आदेशानुसार उसकी मां अनुराधा के सुपुर्द किया गया। 12 वर्षीय बालिका राधा जोकि दिनांक 12 दिसंबर 2019 को जीआरपी कानपुर सेंटर स्टेशन के माध्यम से मिली थी जिसके पश्चात रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर के माध्यम से बाल कल्याण समिति नगर के आदेशानुसार सुभाष चिल्ड्रेन होम में प्रवेश के पश्चात सुभाष चिल्ड्रेन होम मे आश्रय दिलाया गया था। सुभाष चिल्ड्रन होम में प्रवेश के बाद सुभाष चिल्ड्रेन होम अधीक्षिका संजुला पांडे द्वारा बालिका के परिजनों की काउंसलिंग का अथक प्रयास किया गया जिस पर ज्ञात हुआ कि बालिका राधा अपने भाई से झगड़ा होने के कारण घर से निकल आई थी जिस पर बालिका के परिजनों की खोज करने के लिए बालिका से उसका पता पूछा गया तो उसने बताया कि ग्राम पुनास थाना तितरिया पूर्वी चंपारण बिहार बताया जिस पर थाना तितरिया से संपर्क किया गया तो वहां से ज्ञात हुआ कि बालिका के परिजन मोहल्ला गिट्टीजया थाना बस्सीपठाना पंजाब मैं रह रहे है जिसके उपरांत बालिका की माँ से संपर्क हुआ और बालिका को बाल कल्याण समिति कानपुर नगर के आदेशानुसार बालिका की माँ अनुराधा के शहर आने के पश्चात बालिका को माँ की सुपुर्दगी में दिया गया। संस्थाध्यक्ष व् सुभाष चिल्ड्रन होम के प्रबंधक कमल कांत तिवारी ने बताया कि परिजनों की लापरवाही के कारण अक्सर बच्चे रेलवे स्टेशन बस अड्डों व् भीड़ भाड़ वाले स्थानों से परिजनों से बिछुड़ जाते है और उन्हें परिजन होते हुए भी परिजनों से दूर रहना पड़ता है।
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