कानपुर। चन्द्रशेखर आजाद जनकल्याण समिति के तत्वावधान में वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस पर पुष्पांजलि सभा रावतपुर तिराहा स्थिति रानी के प्रतिमा स्थल पर आयोजित की गई।सभा के पूर्व रानी की प्रतिमा की साफ सफाई कर माल्यार्पण किया गया। समिति के कार्यकर्ताओं ने रानी प्रतिमा पर पूर्व में लगाई गई तलवार के गायब होने पर रोष व्यक्त किया गया।
सभा की अध्यक्षता कर रहे समिति के राष्ट्रीय संस्थापक अध्यक्ष सर्वेश कुमार पाण्डेय 'निन्नी' ने रानी लक्ष्मीबाई को एक वीर योद्धा बताते हुए कहाकि उन्होंने मर्दों की पोशाक धारण करके अंग्रेजों की विशाल सेना के छक्के छुड़ा दिए। रानी ने रण क्षेत्र में जिस रण कौशल से नंगी तलवार लेकर चारों ओर से घेरे हुए अंग्रेजों को मार काट कर कालपी जा पहुंची और वहां मौजूद तात्या टोपे के साथ पीछे लगी बड़ी अंग्रेजी सेना से सीधा युद्ध करते हुए वो ग्वालियर जा पहुंची। वहाँ फिर उनका युद्ध अंग्रेजी सेना से हुआ था इसी दौरान एक क्रूर अंग्रेज ने पीछे से उनपर वॉर कर दिया फिर भी वो उसका सिर कलम करके वो लड़ते लड़ते वीर गति को प्राप्त हुईं। उनका मृत शरीर भी अंग्रेज प्राप्त नहीं कर सके और गंगादास की एक कुटिया में फूस से उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया रानी की वीरता, साहस, शौर्य व पराक्रम से देश की नारी शक्ति के लिए न केवल प्रेरणाश्रोत रहेगा अपितु उन्हें जुल्म, अन्याय, अनाचार और शोषण के विरुद्ध संघर्ष छेड़ने का जज्बा भी देगा।
सभा में राकेन्द्र मोहन तिवारी, उमेश शुक्ल, संदीप साहू, श्यामदेव सिंह, सौरभ शुक्ला, दीनानाथ द्विवेदी, अरविन्द शर्मा, तिलकचंद्र कुरील, विजय सिंह मर्तोलिया, नरेंद्र चंचल, दीपू मौर्या आदि मौजूद रहे।
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