- लाकडाउन में हो रहे इस तरह के निर्माण की सोशल मीडिया में एक खबर भी वायरल हुई थी किंतु के डी ए के स्थानीय अफसरों ने यह कहकर इस अवैध निर्माण को अनुमति की झंडी दे दी कि कार्यालय बंद चल रहा है
कानपुर। जिलाधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी की बेदाग छवि को दागदार बनाने में कानपुर विकास प्राधिकरण का भ्रष्ट काकश कोई भी कसर नहीं छोड़ रह यहा है इसी तरह का एक मामला आजाद नगर स्थित एमआर जयपुरिया स्कूल की निर्माणाधीन बिल्डिंग का मामला सुर्खियों में है जिसमें मानक के खिलाफ निर्माण में अधिशासी अभियंता में ना सिर्फ रोक लगा दी थी बल्कि उक्त भूखंड स्वामी के खिलाफ नवाबगंज थाने में मुकदमा दर्ज करा कर तत्काल निर्माण रोके जाने की बात कही थी किंतु उक्त भूस्वामी ने लॉकडाउन का फायदा उठाकर रातों-रात बिल्डिंग खड़ी कर दी ताकि शिक्षाहब घोषित कर जिला प्रशासन की दुखती नब्ज पर और अधिक छेड़खानी की जा सके। सूत्र बताते हैं कि लाकडाउन में हो रहे इस तरह के निर्माण की सोशल मीडिया में एक खबर भी वायरल हुई थी किंतु के डी ए के स्थानीय अफसरों ने यह कहकर इस अवैध निर्माण को अनुमति की झंडी दे दी कि कार्यालय बंद चल रहा है लाक डाउन में वह कुछ नहीं कर सकते यही हाल स्थानीय नवाबगंज थाने का रहा जिन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से निर्माण रुकवाने में असमर्थता जता दी। जिस से निर्माणकर्ता के हौसले और अधिक बुलंद हो गए हैं
बताया जाता है कि शहर के जाने-माने उद्योगपति ने अपने यहां के पुरोहित को 2ए/377 आजाद नगर समेत एक बड़ा भाग दान स्वरूप दिया था। पुरोहित के पास रातों-रात पाश इलाके की जमीन आने के बाद उनकी जमीन पर कई की नजर लग गई इसी बीच पुरोहित के घर की एक बेटी ने प्रेम संबंधों के चलते वैश्य परिवार के लड़के से विवाह कर लिया। उसके बाद टुकड़ों में जमीन बेचे जाने का सिलसिला शुरू हुआ।इसी बीच सुधीर अग्रवाल के दिमाग में आया कि क्यों ना बाकी पड़ी जमीन पर एक ऐसा शिक्षा संस्थान खड़ा कर दिया जाए जिसके नाम की साख का डंका बुरे कानपुर में बजता रहा हो, लिहाजा उन्होंने जयपुरिया प्रबंधन से सशर्तस्कूल चलाने का राजीनामा लेकर स्कूल की बुनियाद डाल दी जिसके लिए बिल्डिंग बनी नहीं और शहर भर में एमआर जयपुरिया स्कूल की होल्डिंग यह कहकर लग गई कि 2020- 2021 के लिए शिक्षा सत्र की ओपनिंग हो रही है इच्छुक व्यक्ति फला फला नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं जबकि के डी ए से इनके गडरियन पुरवा स्थित आर्किटेक्ट ने किसी तरह का बिल्डिंग बनाने का नक्शा नहीं लिया क्योंकि जहां से बिल्डिंग बननी शुरू हुई वहां पहले रिहायशी लोगों का आम रास्ता था उन्होंने आपत्ति की तो उन्हें निर्माणकर्ता ने धमकाकर शांत कर दिया किंतु अप्रत्यक्ष तौर पर वह लोग केडीए में शिकायत करते रहें, क्योंकि निर्माणकर्ता स्थानीय केडीए के कुछ छुटभैयाऔ के पहले ही संपर्क में था लिहाजा वह लोग के डी ऐ में शिकायतों की सारी जानकारी उन्हें दे देते थे , लिहाजा वह ऐन केन प्रकारेण उनके मुंह बंद कर देता था किंतु या मामला कुछ अधिकारियों तक पहुंचा तो 29 फरवरी 2020 को प्रवर्तन 1 कार्यालय के अधिशासीअभियंता ने ना सिर्फ निर्माणाधीन बिल्डिंग का कार्य रुकवाया बल्कि पत्रांक डी/3237 के तहत नवाबगंज थाना को एक शिकायती पत्र देकर मुकदमा दर्ज भी कराया गया। जिसमें साफ कहा गया कि परिसर संख्या 2ए/377 आजाद नगर के पीछे संलग्न भूमि पर अनाधिकृत निर्माण 1977 यथा संशोधित 1997 के प्रावधानों का उल्लंघन कर निर्माण हो रहा है जिसमें धारा 27 एवं 28 के अंतर्गत कार्रवाई की गई है जिसमें अधिनियम की धारा 28 (२) एवं (3) के अंतर्गत निर्माण कार्य पूर्ण रूप से बंद कराने एवं स्थल निगरानी हेतु पत्र संख्या डी/3156/ई,ई प्रवर्तन/जोन1/कानपुर विकास प्राधिकरण/2019-20 दिनांक 19 फरवरी 2020 द्वारा अनुरोध किया गया जिसके निर्माण को प्रभावी ढंग से रोका जाना अति आवश्यक है किंतु उसके बाद लॉकडाउन का फायदा उठाकर पूरी बिल्डिंग निर्माण कर्ता ने सांठगांठ कर खड़ी कर ली जिससे इलाके में रोष है।
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