घटना का किया खुलासा पांच दोस्तों सामने लाई पुलिस


पुलिस की निष्क्रियता से हुई मौत, परिजनों का आरोप, थाने के पास किराये के मकान मे रखा था अपहरणकर्ताओं ने। 

फोटो - 07

कानपुर। बर्रा पांच में लैब टेक्नीशियन के अपहरण और हत्या के बाद परिजनों और मोहल्ले में कोहराम मचा है। इस मामले के खुलासे के बाद अब पुलिस पांडु नदी में शव की तलाश में जुटी हुई है। सुबह से लगातार शव की तलाश की जा रही है। गोताखोरों को भी पांडु नदी में उतारा गया है। उधर, शुक्रवार सुबह पुलिस गिरफ्तार एक महिला समेत पांच दोस्तों को मीडिया के सामने लाई और पूरी घटना का खुलासा किया।

गौरतलब हो कि 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण किया गया था। इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर अपहृताओं को फिरौती के 30 लाख रूपए दिलाए जाने का भी आरोप लगाया। देर रात जब मामले का खुलासा हुआ, तो हर कोई सन्न रह गया। अपहरणकर्ताओं के खुलासे के बाद पुलिस ने पांडु नदी में शव की तलाश कराई। सुबह से पीएसी की मोटरबोट के साथ गोताखोर भी लगाए गए। बताया जा रहा है कि बारिश के मौसम की वजह से इस समय पांडु नदी का बहाव भी काफी तेज है, जिसकी वजह से दिक्कतें आ रही हैं।

 पुलिस लाइन में आईजी मोहित कुमार और एसएसपी दिनेश कुमार पी ने पूरी घटना का खुलासा किया। पुलिस लाइन में शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने संजीत के अपहरण और हत्या में शामिल ईशू उर्फ ज्ञानेन्द्र यादव निवासी दबौली वेस्ट, कुलदीप गोस्वामी निवासी सरायमीता कच्ची बस्ती, नीलू सिंह निवासी गज्जा पुरवा, रामजी शुक्ला निवासी अंबेडकरनगर गुजैनी और प्रीती शर्मा निवासी कौशलपुरी को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि ज्ञानेंद्र और कुलदीप काफी पहले एक पैथालॉजी में संजीत के साथ काम करते थे और उसके दोस्त बन गए थे। 22 जुलाई को कुलदीप ने संजीत यादव के मोबाइल पर चार बार कॉल किया था. अंतिम काल शाम 7.47 बजे की थी और ज्ञानेंद्र की जन्मदिन पार्टी के बहाने संजीत को नौबस्ता के एक हास्पिटल के पास बुलाया था। संजीत नौबस्ता बाईपास से अपनी बाइक से अकेले निकला और करीब 500 मीटर दूर नहरिया के पास उसे चारों मिल गए थे। नहरिया के पास संजीत को लेकर सभी ज्ञानेन्द्र यादव की फोर्ड फिगो कार में सवार हो गए। संजीत की मोटरसाइकिल लेकर नीलू चल दिया।

रास्ते में शराब और बीयर लेने के बाद तात्याटोपे नगर पहुंचकर अंडा व चिप्स खरीदे। इसके बाद सभी ने कार में बैठकर शराब पी। योजना के तहत संजीत को शराब में बेहोशी की दवा दी गई, जिससे वह कार में ही बेहोश हो गया। यहां से चारों उसे रतनलाल नगर स्थित किराए पर लिए कमरे में ले गए। यहां पर उसे नशे के इंजेक्शन देकर बंधक बनाकर रखा गया. उन्होंने बताया कि अपहर्ताओं ने संजीत को बंधक बनाने के उद्​देश्य से कमरा किराए पर लिया था। एसएसपी के मुताबिक 26 जून की रात संजीत ने भागने की कोशिश की थी, जिसपर सभी ने मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। सुबह उसके शव को प्लास्टिक की बोरी में भरकर कार से पांडु नदी पुल तक ले गए और नदी में फेंक दिया था। पूछताछ में सामने आया कि शव को ठिकाने लगाने के बाद चारों ने 29 जून को फिरौती के लिए संजीत के घरवालों से संपर्क किया और 30 लाख रुपये मांगे।

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