उनकी गलियों में भी मास्क का प्रयोग न करने वालों को प्रचार-प्रसार कर जागरूक किया जाये, इसके साथ ही मास्क न पहनने वालों पर लगाया जाये जुर्माना
नान कोविड अस्पताल व प्राइवेट चिकित्सालओं में कोविड हेल्प डेस्क की व्यवस्था अनिवार्य कराये - दूबे
कानपुर।डॉ. रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग, उप्र शासन की अध्यक्षता में सर्किट हाउस सभागार में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. दुबे ने कोविड हास्पिटल के अन्तर्गत एल-1 के 400 बेड के हास्पिटल की सुविधा केडीए ड्रीम्स में तथा ईएसआई पाण्डु नगर एवं किदवई नगर में 140 बेड की सुविधा को तत्काल प्रभाव से चालू कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने एल-2 काशीराम चिकित्सालय में 20 बेडों को अतिरिक्त बढाये जाने के संबंध में निर्देशित किया। उन्होंने कोविड संक्रमण के बढते मामलों की गहनता से समीक्षा करते हुए सर्विलांस सिस्टम को कमजोर पाये जाने पर और अधिक सक्रियता से कार्य सम्पादित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने आम जन मानस में मास्क का प्रयोग अधिक से अधिक करने के प्रति जागरूकता लाने के लिए कलरफूल मास्क तैयार करने हेतु उसके डिजाइन व कलर के संबंध में प्रतियोगिता आयोजित कराने के निर्देश दिया।उन्होेंने जिला सर्विंलास अधिकारी डॉ. सुबोध कुुमार से प्राइवेट नान कोविड अस्पतालों के संचालन कार्य, आईडीएसपी के कार्य तथा वेक्टर जनित रोगों संबंधी कार्यो के चार्ज को तत्काल हटाये जाने के निर्देश दिये, जिससे कि वह बेहतर तरीके से कोविड के सर्विंलास संबंधी कार्यो को ठीक प्रकार से पूर्ण कर सके। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि शहर के मुख्य मार्गो के साथ ही 10 थाना क्षेत्रों में जिनमें सम्पूर्ण लाॅकडाउन लगाया गया है, उनकी गलियों में भी मास्क का प्रयोग न करने वालों को प्रचार-प्रसार कर जागरूक किया जाये, इसके साथ ही मास्क न पहनने वालों पर जुर्माना लगाया जाये। उन्होंने कान्टेक्ट ट्रेसिंग की टीमों को बढाये जाने, टीमों के कार्य का स्थलीय निरीक्षण करने तथा इसमें पुलिस की सीडीआर व सर्विंलास से मैपिंग कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने मोबाइल सैम्पिलिंग की सुविधा तथा एन्टीजन टेस्ट की सुविधा को बढाये जाने के साथ एम्बुलेंस की आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराये जाने के संबंध में निर्देश दिये। उन्होंने कोविड संक्रमण से बचाव व इसके कार्यो को सम्पादित करने के लिए अलग से डेडिकेटेड काॅल सेन्टर बनाकर दिन में चार-चार चिकित्सकों एवं रात्रि में दो चिकित्सकों की सिफ्टवार ड्यूटी लगाये जाने के निर्देश दिये, जिससे कि वह काॅल सेन्टर के द्वारा एल-1, एल-2 तथा एल-3 में कोविड के मरीजों को प्रारम्भिक जानकारी करते हुए भर्ती/रिफर करने के कार्य को बेहतर तरीके से कर सकें।
उन्होंने प्रत्येक नान कोविड अस्पताल व प्राइवेट चिकित्सालओं में कोविड हेल्प डेस्क की व्यवस्था अनिवार्य रूप से कराये जाने के संबंध में निर्देशित किया। एलएलआर चिकित्सालय एवं काशीराम चिकित्सालय में आवश्यकता अनुसार बाईपेप उपकरण व एचवीएचआर के उपकरणों की व्यवस्था क्रय कर कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में सर्विंलास की 711 टीमों के कार्य करने पर सर्विंलास कार्य को बढाये जाने के लिए 300 और टीमों को लगाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कोविड जाॅच के कार्यो के लिए 50 लैब टैक्निशियन को आउटसोर्स के माध्यम से रखे जाने के संबंध में निर्देश दिये।बैठक में मण्डलायुक्त डॉ. सुधीर एम बोबडे, जिलाधिकारी डॉ. ब्रम्हदेव राम तिवारी, नोडल अधिकारी समीर वर्मा, नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारीगण, अपर निदेशक चिकित्सा डॉ. आरपी यादव, प्राचार्य मेडिकल कालेज डॉ. आरबी कमल, सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा सहित अन्य चिकित्सा अधिकारीगण उपस्थित रहे।
- सीनियर फैकल्टी लगातार राउंड लें, जूनियर के भरोसे न छोड़ें कोरोना के मरीज को।
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कानपुर। जिले में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीज और मौतों को रोकने के लिए और प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। हैलट के कोविड अस्पताल में सुविधा और संसाधन बढ़ाने के क्रम में बाइपैप मशीनें और लेजर कैनुला की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही क्रिटिकल केयर स्पोर्ट सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त एनस्थेलाजिस्ट की तैनाती की जाएगी।
गुरुवार को हैलट अस्पताल पहुंचे अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे ने प्रमुख अधीक्षक कार्यालय स्थित कंट्रोल रूम में लगे ऑडियो विजुअल सिस्टम के जरिए न्यूरो साइंस सेंटर और मेटरनिटी के कोविड-19 हॉस्पिटल, कोविड आइसीयू और फ्लू ओपीडी में व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने 80 और बेड बढ़ाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि मेटरनिटी विंग में ऑक्सीजन पाइप लाइन लगवाई है और बेड का भी इंतजाम कराया जा रहा है। प्रमुख अधीक्षक प्रो रिचा गिरि ने बताया कि एल-वन के 50 बेड की व्यवस्था संक्रामक रोग अस्पताल (आइडीएच) में भी की गई है। छोटे बच्चों के लिए सिक एंड न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में चार बेड और अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल में कोरोना संक्रमित गर्भवती के लिए 10 बेड का बंदोबस्त किया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना से मौतें क्यों बढ़ रही हैं और रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। डॉक्टरों ने बताया कि एनस्थेसिया विभाग में एनस्थेलाजिस्ट की कमी है, जिससे क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट में दिक्कत हो रही है। साथ ही बाईपैप मशीनें भी कम हैं। इसपर उन्होंने कहा कि जरूरी संसाधनों की सूची तैयार कराएं ताकि वह सभी उपलब्ध कराया जाए। निर्देश दिए कि अस्पताल की इमरजेंसी, वार्ड और कोविड हॉस्पिटल का सीनियर फैकल्टी लगातार राउंड लें। जूनियर रेजीडेंट के भरोसे मरीजों को कतई ना छोड़ा जाए। अगर इसमें हीला हवाली की शिकायत मिली तो गंभीर कार्रवाई की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव ने मेडिकल कॉलेज में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौतों का डेथ ऑडिट किया। प्राचार्य और विभागाध्यक्षों के साथ बैठक करके जरूरी दिशा निर्देश दिए। इस दौरान डीएम के अलावा नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल, डॉ. मनीष सिंह, डॉ. अपूर्व अग्रवाल भी मौजूद रहे। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि 54 बाईपैप मशीनें और 25 लेजर कैनुला जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जरिए रेफरल सिस्टम को भी मजबूत किया जाएगा, इसके लिए सो नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों के प्रबंधन से बात हुई है।
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