पिता चमन सिंह ने सभी आरोपित पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। चमन सिंह ने जांच अधिकारी को बताया कि रकम देने से दो घंटे पहले एसपी साउथ के दफ्तर गए थे। वहाँ एसपी ने कहा था कि संजीत को सकुशल बरामद करना मेरी जिम्मेदारी है।
अपहरण हत्याकांड में एडीजी जोगदंड ने शुरू की जांच
फिरौती के लिए दिए गए रुपए की ली पूरी जानकारी
कानपुर। संजीत अपहरण हत्या कांड में 30 लाख की फिरौती दिए जाने के मामले की शासन से जांच कराई जा रही है। इसके लिए एडीजी पुलिस मुख्यालय बीपी जोगदंड को जांच अधिकारी बनाया गया है। एडीजी संजीत के घर पहुंचे जहां उन्होंने स्वजनों से एक कमरे में अलग से आधा घंटे तक बात कर उनके बयान दर्ज कराए। इस दौरान उन्होंने पिता चमन सिंह से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। एडीजी के साथ आये सीओ ने बयान दर्ज किए।
दिवंगत संजीत की मां कुसुम ने एडीजी को बताया कि गुमशुदगी लिखवाने के लिए कई बार थाने के चक्कर काटे, दो दिन बाद भी जब कोई जानकारी नहीं हुई तो एसएसपी से गुहार लगाई गई। इसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मां ने बताया कि एसपी साउथ के दफ्तर कई बार मदद मांगने के लिए गए। कई घंटे तक दफ्तर के बाहर खड़े रहना पड़ता था। इसके साथ ही बर्रा के पूर्व इंस्पेक्टर रणजीत राय व जनता नगर चौकी प्रभारी राजेश कुमार ने भी किसी तरह की कोई मदद नहीं की। इस वजह से मेरा बच्चा आज मेरे साथ नहीं है। पिता चमन सिंह ने सभी आरोपित पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।चमन सिंह ने जांच अधिकारी को बताया कि रकम देने से दो घंटे पहले एसपी साउथ के दफ्तर गए थे। वहाँ एसपी ने कहा था कि संजीत को सकुशल बरामद करना मेरी जिम्मेदारी है। मेरी टीम लगी है, आप चिंता मत करिये। इसके बाद एडीजी ने फिरौती की रकम की व्यवस्था कहां से की इस बारे पूछा तो चमन ने कहा कि शादी का रुपया, दो लाख कर्ज, एक लाख के जेवर गिरवी रखे हैं। एडीजी ने गिरवी जेवर की पर्ची मांगी तो स्वजन ने कहा कि जिनके पास जेवर गिरवी रखे हैं, वह मिलने वाले हैं, इसलिए पर्ची नहीं ली। इस पर एडीजी ने कहा कि पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेजनी है। उन्होंने दो दिन में फिरौती की रकम का पूरा ब्योरा मांगा है।
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