- मसवानपुर में रहने वाले लोग इस झोलाछाप डॉक्टर दीपक की मीठी भाषा शैली में फस कर अपने ही लोगों की जान से खेल रहे हैं
- समाज के लिए घातक ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर प्रशासन शासन स्वास्थ्य विभाग क्यों नहीं अपना ध्यान केंद्रित करता
कानपुर। एक ओर जहां देश ही नहीं पूरा विश्व कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी से जूझ रहा है वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉक डाउन लगाना पड़ा पूरा देश मंदी कि मार झेल रहा है वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों की लूट अभी भी जारी है।
- पहला मामला
सूत्रों के मुताबिक मसवानपुर गांव का है जहां मजदूर वर्ग व बाहर से शहर में आकर किराये पर रहकर मजदूरी करने वाले व आसाक्षर लोगों की अधिकता है ऐसे में कोरोना महामारी ने लोगों के जीवन को दूबर कर दिया है महामारी काल में झोलाछाप डॉक्टरों की भरवारी संख्या से गरीबी व लॉकडाउन के कारण असहाय मजबूर लाचार परेशान लोगों का फायदा उठाने के लिए मसवानपुर में कई झोलाछाप डॉक्टरों का मकड़जाल बिछा हुआ जिसमें से एक के तो क्या कहने देखने से वह खुद असहाय व विकलांग है पर कोरोना महामारी में लोगों की जान से खिलवाड़ कर पैसा कमाने में कोई चूक नहीं कर रहा मसवानपुर में रहने वाले लोग इस झोलाछाप डॉक्टर दीपक की मीठी भाषा शैली में फस कर अपने ही लोगों की जान से खेल रहे हैं व अपनी जान को अनजाने में जोखिम में डाल रहे हैं लेकिन इस वहसी झोलाछाप डॉक्टर को अपने पैसे कमाने की परवाह है केस बिगड़ जाए जान चली जाए इन्हें तो बस पैसा कमाना है
समाज के लिए घातक ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर प्रशासन शासन स्वास्थ्य विभाग क्यों नहीं अपना ध्यान केंद्रित करता सामान्य दिनों में तो यह लोग आमजन मासूम लोगों की जान को खिलौना बना कर खेलते ही हैं पर आज कोरोनावायरस को औजार बना पैसा मशीन समझकर छाप रहे और स्वास्थ विभाग को इसकी कोई परवाह नहीं- क्रमशा :
- दूसरा मामला
आपको बताते चले की नर्वल तहसील क्षेत्र में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों तथा अवैध अस्पताल एवं डायग्नोस्टिक सेंटरो की भरमार चल रही है जहां पर गरीबों से मनमाने रुपए वसूले जाते हैं उनके साथ ज्यादती की जाती है जिसकी शिकायत कई बार होने के बावजूद कार्यवाही नहीं की जाती है।
कोरोनावायरस जैसी घातक वैश्विक महामारी के दौरान भी लोगों से यह लूट जारी है।
महाराजपुर थाना क्षेत्र तथा नर्वल थाना क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे डायग्नोस्टिक सेंटर व अस्पताल सरकारी अमले की मिलीभगत से फल फूल रहे हैं।
नाम ना छापने की शर्त पर सरसौल के रहने वाले एक सज्जन ने बताया कि सरसौल क्षेत्र में सफेद पोशो तथा स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से डायग्नोस्टिक सेंटर चल रहे हैं जिनका मोटा कमीशन अधिकारी तक पहुंचता है।
सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली है कि क्षेत्र में तमाम ऐसे हॉस्पिटल खुले हुए हैं जिनके पास ना तो रजिस्ट्रेशन है और ना ही किसी तरह का वैध प्रपत्र है जिससे अस्पताल चला सके इसके बावजूद धड़ल्ले से दिन-रात हॉस्पिटल फल फूल रहे हैं। इतना ही नहीं शासन प्रशासन की लापरवाही से ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर झोला लेकर घर घर जाकर इलाज कर रहे हैं जिससे कोरोनावायरस जैसी घातक बीमारी के और ज्यादा फैलने की आशंका है। ग्रामीणों से हुई बातचीत में बताया कि क्षेत्र में ऐसे भी डॉक्टर घूम रहे हैं जो नशे की हालत में लोगों का इलाज करते हैं और खतरनाक बीमारियों को भी जड़ से समाप्त करने की बात कह कर मोटी रकम वसूलते हैं। ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से लोग विरोध नहीं कर पाते है जिसकी वजह से झोलाछापो की दुकाने धड़ल्ले से चल रही है।b
सीएमओ ने जांच करने के आदेश दिए थे अब देखना यह है कि सरकारी अमला इन भ्रष्टाचारियों की जांच किस प्रकार करता है और क्या कार्यवाही होती है।
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