- यदि किसान अच्छी प्रजातियों के उच्च गुणवत्ता युक्त बीजों का प्रयोग करें तो उत्पादन 20 से 25% अधिक होता है। उन्होंने बीज प्रतिस्थापन दर एवं प्रजाति प्रतिस्थापन दर को बढ़ाए जाने पर बल दिया।
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर में कास्ट एन सी परियोजना अंतर्गत पांच दिवसीय प्रशिक्षण "बीज उत्पादन एवं बीज गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्नातकोत्तर छात्रों तथा नवोदित वैज्ञानिकों की विज्ञान क्षेत्र एवं उद्यमिता कौशल विकास को बढ़ावा देना" का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ एस राजेंद्र प्रसाद कुलपति कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय बैंगलोर (कर्नाटक) ने किया। मुख्य अतिथि ने अपने भाषण में हरित क्रांति एवं खाद्यान्न उत्पादन में बीजों की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यदि किसान अच्छी प्रजातियों के उच्च गुणवत्ता युक्त बीजों का प्रयोग करें तो उत्पादन 20 से 25% अधिक होता है। उन्होंने बीज प्रतिस्थापन दर एवं प्रजाति प्रतिस्थापन दर को बढ़ाए जाने पर बल दिया। तथा नई नई प्रजातियों के बीजों के उत्पादन की आवश्यकता बताई। उन्होंने यह भी बताया कि अभीजनक एवं बीज वैज्ञानिक मिलकर आपस में तालमेल से शोध करें तो प्रजाति प्रतिस्थापन दर में बढ़ोतरी होगी उन्होंने बीज उत्पादन एवं आपूर्ति को कृषि व्यवसाय के रूप में अपनाने हेतु छात्रों का आवाहन किया। आधुनिक तकनीकी जैसे बीज उत्पादन में ड्रोन्स एवं रोबोट के प्रयोग की आवश्यकता बताइ। जिससे सटीक बीज उत्पादन किया जा सके । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक (बीज) डॉ डीके यादव ने भारतीय बीज उद्योग में अवसर एवं चुनौतियों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने छात्रों को भारतीय बीज उद्योग में हो रहे नित नए नवाचारों एवं नई नई प्रजातियों के विकास से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि देश में औपचारिक एवं अनौपचारिक संस्थाओं के द्वारा कुल लगभग 77600 करोड़ मूल्य के बीजों का उत्पादन प्रतिवर्ष किया जा रहा है उन्होंने भारत में चलने वाली विभिन्न बीज उत्पादन योजनाओं जैसे आईसीएआर बीज परियोजना, दलहन एवं तिलहन बीज हब के द्वारा किए जा रहे बीज उत्पादन के प्रयासों की चर्चा की। इन योजनाओं से इन योजनाओं का कृषक लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रयासरत हैं। नवागंतुक कृषि वैज्ञानिकों एवं छात्रों हेतु उन्होंने कई महत्वपूर्ण शोध बिंदुओं के बारे में अवगत कराया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण निदेशक शोध डॉ एच जी प्रकाश द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ सी एल मौर्या ने बताया कि इस प्रशिक्षण में कुल 100 प्रतिभागी देश के 16 राज्यों एवं 30 विश्वविद्यालय से शामिल हुए। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य छात्रों का बीज के क्षेत्र में ज्ञान वर्धन करने के साथ-साथ उनमें उद्यमिता कौशल विकास करना है। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नौशाद खान ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान, डॉक्टर धर्मराज सिंह अधिष्ठाता कृषि संकाय, डॉक्टर लालमणि, डॉ परवेज आलम, डॉ भानु, सुबोध, अमित इत्यादि उपस्थित रहे।
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