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- दो हजार सात में हुए एक सर्वेक्षण के मुताबिक दुनिया भर में जितनी महिलाएं इन दिनों राजनीति में हैं, उतनी कभी नहीं थीं। अंतर- संघ की सालाना रिपोर्ट कहती है कि सर्वेक्षण में शामिल 188 देशों में से अफ्रीकी देश रवान्डा में सबसे ज़्यादा 39 महिलाएं सांसद है। यानी 80 सदस्यों वाली संसद में महिलाओं की 48,8 फीसदी हिस्सेदारी है। स्वीडन और फिंललैंड दूसरे और तीसरे स्थासंसदीयन पर हैं, जबकि भारत इस मामले में काफी पीछे 107वें पायदान पर है। भारतीय संसद में महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 9.1 प्रतिशत हैं। वैसे कुल मिलाकर देखा जाए तो विश्व राजनीति में 17.7 प्रतिशत महिलाएं हैं।
विवाद हल करने में महिलाओं की भागीदारी नहीं
संयुक्त राष्ट्र में पिछले दो हफ्तों में महिलाओं की स्थिति को लेकर खास बैठक तो हुई, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के महिला विकास कोष UNIFEM का कहना है कि खासकर शांति वार्ताओं में महिलाओं को शामिल नहीं किया जाता। वर्ष दो हज़ार में सुरक्षा परिषद में पारित प्रस्ताव के अनुसार शांति कोशिशों को बढावा देने और विवादों के हल के बाद स्थिरता कायम करने में पुरुषों और महिलाओं की बराबर भागीदारी होनी चाहिए। लेकन UNIFEM की मुख्य सलाहकार आन्ने ग्योत्स के मुताबिक इस प्रस्ताव पर अभी अमल नहीं हुआ है।तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबान्गुली बेर्दिमुकादेनोव ने महिलाओं को ढाई सौ डॉलर यानी करीब करीब हजार रुपये और कई दूसरे ईनाम देने का ऐलान किया है। बस इसके लिए उन्हें आठ बच्चों को जन्म देना होगा। तुर्कमेनिस्तान में बच्चों की मृत्यु दर बढ़ती जा रही है। जानकारों का मानना है कि इसकी बड़ी वजह पिछली सरकार द्वारा खासकर स्वास्थ व्यवस्था में की गई भारी कटौती है।
- स्पेन में महिलाओं के लिए बोडिगार्ड
स्पेन में घरेलू हिंसा का शिकार होने वाली शादीशुदा महिलाओं को बॉडिगार्ड मुहैया कराए जा सकते हैं। एक अदालती फैसले में कहा गया है कि इस तरह के कुछ खास मामलों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाना जरूरी है। स्पेन यूरोप का अकेला ऐसा देश है, जहां पतियों द्वारा पीटी जाने वाले महिलाओं के लिए अलग से अदालतें बनाई गई हैं। प्रधानमंत्री खोसे लुइस जपाटेरो महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को देश के लिए सबसे शर्मनाक बात मानते हैं।
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