- लापरवाही बरतने पर अब स्वरूपनगर स्थित डिवाइन हॉस्पीटल की कोविड फैसिलिटी को खत्म कर दिया गया है। यही नहीं, डीएम ने इस अस्पताल पर जांच बैठाते हुए यहां पर अब तक जितने कोविड मरीजों की मौत हुई है,
कानपुर। कोविड मरीजों को लेकर निजी अस्पतालों का लापरवाह रवैया बरकरार है। यह स्थिति तब है जबकि खुद डीएम और सीएमओ रोजाना ही निजी कोविड अस्पतालों का जायजा लेकर सख्ती बरत रहे हैं। इसी क्रम में लापरवाही बरतने पर अब स्वरूपनगर स्थित डिवाइन हॉस्पीटल की कोविड फैसिलिटी को खत्म कर दिया गया है। यही नहीं, डीएम ने इस अस्पताल पर जांच बैठाते हुए यहां पर अब तक जितने कोविड मरीजों की मौत हुई है, उसका ब्योरा तैयार कर रिपोर्ट तलब कर ली है।
कोविड मरीजों की बढ़ती संख्या और लगातार हो रही मौतों के बावजूद जिस तरह से लापरवाही बरती जा रही है, यह उसका एक नमूना मात्र है। बता दें कि लापरवाही की वजह से अब तक डीएम कई अस्पतालों पर कार्रवाई भी कर चुके हैं। रोजाना निरीक्षण के क्रम में डीएम आलोक तिवारी और सीएमओ डॉ. एके मिश्र स्वरूपनगर स्थित डिवाइन हॉस्पीटल पहुंचे थे. यहां पर एनेस्थेटिक मौजूद नहीं मिले. यहां पर मौजूद स्टेटिक मजिस्ट्रेट ने बताया कि आइसीयू में एनेस्थेटिक समय से मौजूद नहीं रहते। जब अस्पताल प्रबंधन से सीएमओ से इस बारे में जवाब तलब किया गया, तो बताया गया कि दिन में डॉक्टर कहीं और रहते हैं और रात में इस हॉस्पीटल आते हैं। सीएमओ ने कहा कि यह स्थिति किसी दशा में संभव नहीं है। कोई भी डॉक्टर चौबीस घंटे लगातार काम नहीं कर सकता है. सीएमओ ने बताया कि लापरवाही देखते हुए डिवाइन हॉस्पीटल की कोविड फैसिलिटी खत्म कर दी गई है।
डीएम ने इस अस्पताल पर जांच बैठा दी है। एसीएम 6 को जांच सौंपते हुए निर्देश दिए गए कि यहां एडमिट हुए मरीजों में अब तक कितने की मौत हुई है। इस स्थिति को जांचा जाए, साथ ही मृतक मरीजों के परिजनों से भी बयान लिए जाएं कि उन्होंने यहां पर मरीज को कब एडमिट कराया और अस्पताल प्रशासन की तरफ से उन्हें कब और क्या जानकारी दी गई। मरीज की मृत्यु की सूचना अस्पताल की तरफ से कब दी गई और कितनी बिलिंग की गई। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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