- कुलगांव की रहने वाली सुमन गुप्ता पत्नी विनोद गुप्ता ने बताया कि लगभग 2 वर्ष पहले बारिश से उनका मकान पूरी तरह से ढह गया था तथा तब से दूसरे की जमीन पर तंबू तान कर रहे हैं सूत्रों के मुताबिक जानकारी प्राप्त हुई कि कुलगांव क्षेत्र में कॉलोनी दिलाने के नाम पर लाभार्थी से तीस हजार रूपए की मांग की जाती है
सरसौल। केंद्र सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही आवासीय योजना में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ी धांधली हो रही है जिसमें से जो लाभार्थी हैं जिनको लाभ मिलना चाहिए वह इन योजनाओं से वंचित है वही जिनके पक्के मकान बने हुए हैं और जो क्षेत्रीय नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों के आगे पीछे घूमते हैं उनको कई कई बार आवास आवंटित होते हैं आखिर इस तरह से हो रही बड़ी धांधली अधिकारियों को क्यों नहीं दिखती है।
ऐसा ही एक ताजा मामला महाराजपुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ग्राम कुलगांव का है
कुलगांव की रहने वाली सुमन गुप्ता पत्नी विनोद गुप्ता ने बताया कि लगभग 2 वर्ष पहले बारिश से उनका मकान पूरी तरह से ढह गया था तथा तब से दूसरे की जमीन पर तंबू तान कर रहे हैं जहां पर रात में जहरीले जानवरों आदि का भी खतरा रहता है।
पीड़ित महिला ने बताया कि उसका पति एक कोल्ड ड्रिंक कंपनी में सात हजार रूपए महीने की नौकरी करता है जिसमें आधा पैसा तो उसके बड़े बेटे के इलाज में खर्च हो जाता है और बाकी बचे पैसों से घर का खर्च चलता है विनोद ने बताया कि वह इतना सामर्थ्य नहीं है कि अपने लिए एक कमरा बना सके और ना ही उसके पास कोई जमीन है जिस को बेचकर वह अपना आशियाना तैयार कर सके।
पीड़िता ने बताया कि वह लगभग 1 वर्ष से लगातार नगर निगम विकास भवन तथा अधिकारियों के आवासों के चक्कर काट रही है तथा अपने लिए आवास की मांग कर रही है लेकिन अधिकारियों ने आज तक सुध नहीं ली है।
महिला ने बताया कि उसकी माली हालत को देखते हुए लोग सिफारिश तक नहीं करते हैं
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं पार्षद से भी महिला ने कई बार लिखित तौर पर भी आवास की मांग की लेकिन महिला को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
सवाल यह उठता है कि आखिर में जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ क्यों नहीं मिल पाता है जबकि जनप्रतिनिधियों के इर्द-गिर्द घूमने वालों को सारी मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक जानकारी प्राप्त हुई कि कुलगांव क्षेत्र में कॉलोनी दिलाने के नाम पर लाभार्थी से तीस हजार रूपए की मांग की जाती है तथा बाहर कहीं ना कहने की बात पर उनको कॉलोनी भी आवंटित करवाई जाती है इतने बड़े स्तर पर हो रही इस धांधली में दलालों के साथ सफेदपोश भी सक्रिय है।
Comments
Post a Comment