अयोध्या बाबरी विध्वंस के 28 साल बाद विशेष अदालत ने सुनाया फैसला 32 आरोपी बरी



  • विहिप नेता प्रकाश शर्मा ने कहा कि हमें तो भारत की न्याय व्यवस्था पर भरोसा था. इसलिए भरोसा था जब पूर्व नियोजित ढंग से मुकदमे कायम करके लोगों को फंसाया गया था


लखनऊ: अयोध्या में विवादित बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज सुरेंद्र यादव ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया और सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया. इस केस के आरोपियों में से एक रहे विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रकाश शर्मा ने फैसला आने के बाद विहिप नेता प्रकाश शर्मा ने कहा कि हमें तो भारत की न्याय व्यवस्था पर भरोसा था. इसलिए भरोसा था जब पूर्व नियोजित ढंग से मुकदमे कायम करके लोगों को फंसाया गया था और उसके साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए और अंत में निर्णय यही आना था. हमको भारतीय न्याय व्यवस्था पर पर पूर्ण विश्वास था. आज बुधवार को जज साहब ने अपने निर्णय में सब दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया. उन्होंने उनके द्वारा साक्ष्यों को भी स्वीकार नहीं किया. उन्होंने जो चित्र प्रस्तुत किए उनके निगेटिव नहीं थे, जो वीडियो प्रस्तुत किए उसके साथ मूल साक्ष्य में भी गड़बड़ था.


सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को ढांचा विध्वंस मामले में फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ढांचा विध्वंस की घटना पूर्वनियोजित नहीं थी। यह आकस्मिक घटना थी। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले, बल्कि इन्होंने उन्मादी भीड़ को रोकने के प्रयास किए थे। 


कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस फैसले को सत्य की जीत बताया है तो विपक्षी दल इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। उमा भारती, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी आदि नेताओं को बरी करने के फैसले को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ बताया है। विस्तार से जानिए कि इस फैसले को लेकर किसने क्या प्रतिक्रिया दी।


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है निर्णय : अहमद पटेल
कांग्रेस ने विशेष सीबीआई अदालत के फैसले को पिछले साल आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के प्रतिकूल करार दिया। पार्टी ने कहा कि संविधान, सामाजिक सौहार्द्र व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद करता है कि इस तर्कविहीन निर्णय के खिलाफ राज्य और केंद्र सरकार उच्च अदालत में अपील दायर करेगी ।वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि सीबीआई अदालत के इस फैसले को स्वाभाविक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ करार दिया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'ढांचा विध्वंस मामले में यह फैसला हैरान करने वाला है। यह स्वाभाविक न्याय के सिद्धांतों और उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के विरुद्ध है।'


संविधान की परिपाटी से परे है यह फैसला : सुरजेवाला
वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ढांचा विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को बरी करने का विशेष अदालत का फैसला उच्चतम न्यायालय के निर्णय व संविधान की परिपाटी से परे है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नौ नवंबर, 2019 के निर्णय के मुताबिक ढांचा गिराना गैरकानूनी अपराध था।


अहमद पटेल ने कहा, 'पूरा देश जानता है कि भाजपा-आरएसएस और उनके नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए देश और समाज के सांप्रदायिक सौहार्द्र को तोड़ने का एक घिनौना षड्यंत्र किया था। उस समय की उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी सांप्रदायिक सौहार्द्र भंग करने की इस साजिश में शामिल थी।'


अदालत का फैसला सत्य की जीत : येदियुरप्पा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने फैसले का स्वागत किया और इसे 'सत्य की जीत' करार दिया। येदियुरप्पा ने कहा, 'अदालत का यह कहना कि यह घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, सत्य की विजय है ।'उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से उन्हें बहुत खुशी है क्योंकि वह भी राम जन्मभूमि आंदोलन का हिस्सा थे ।


उन्होंने राम मंदिर निर्माण की पृष्ठभूमि तैयार करने का श्रेय आडवाणी, जोशी और उमा भारती को दिया। येदियुरप्पा ने कहा, 'सभी भारतीयों के आनंद के क्षण में, मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं ।' बाबरी विध्वंस के दिन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आडवाणी के उस ऐतिहासिक भाषण को कोई नहीं भूल सकता है।


जनता से माफी मांगें षड्यंत्र के जिम्मेदार : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'सत्यमेव जयते' के अनुरूप सत्य की जीत हुई है। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस ‘षड्यंत्र’ के लिए जिम्मेदार लोग देश की जनता से माफी मांगें।


मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह फैसला स्पष्ट करता है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर वोट बैंक की राजनीति के लिए देश के पूज्य संतों, भाजपा नेताओं, विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारियों और समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों को झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया।'


क्या जादू से गिर गई थी मस्जिद : ओवैसी
ढांचा विध्वंस के सभी आरोपियों को बरी कर देने के विशेष सीबीआई अदालत के फैसले को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अप्रिय करार दिया। ओवैसी ने कहा कि सीबीआई को फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए ताकि उसकी स्वतंत्रता बची रहे।


उन्होंने सवाल किया, 'क्या छह दिसंबर को किसी जादू से मस्जिद ढह गई थी? वहां लोगों को इकट्ठा होने के लिए किसने बुलाया? किसने सुनिश्चित किया कि वे वहां घुसें?' उन्होंने कहा कि वह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से इस फैसले के खिलाफ अपील करने का आग्रह करते हैं।


ढांचा विध्वंस मामले को भुलाने की जरूरत : शिवसेना
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि राम जन्मभूमि मालिकाना हक वाद में 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले ने अपनी प्रासंगिकता खो दी थी। राउत ने ढांचा विध्वंस मामले में सभी 32 आरोपियों को विशेष अदालत द्वारा बरी करने के फैसले का स्वागत किया। 


राउत ने कहा कि ढांचा विध्वंस मामले को अब भुला देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, यह फैसला अपेक्षित था। मैं शिवसेना और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की ओर से अदालत के इस फैसले का स्वागत करता हूं।' उन्होंने कहा कि यदि ढांचा विध्वंस नहीं होता तो अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन संभव नहीं होता।


निष्पक्ष काम करने में विफल हुई सीबीआई : स्तालिन
डीएमके के अध्यक्ष एमके स्तालिन ने कहा कि ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई निष्पक्ष रूप से काम करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि एजेंसी पिंजरे में बंद तोते की तरह हो गई है। स्तालिन ने कहा कि किसी भी धार्मिक स्थान को नष्ट करना गलत और अवैध है। 


अपील दायर करने पर विचार करेगी सीबीआई
सीबीआई कौंसिल ने कहा है कि एजेंसी विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ एक अपील दायर करने पर विचार करेगी। सीबीआई कौंसिल ललित सिंह ने कहा कि आज के फैसले की प्रति मिलने के बाद यह सीबीआई मुख्यालय भेजी जाएगी, जहां विधि विभाग इसका अध्ययन करेगा। उसके सुझावों के आधार पर अपील करने या न करने का फैसला किया जाएगा।


अब न खड़ा हो कोई नया विवाद : इकबाल अंसारी
अयोध्या भूमि विवाद मामले में वादियों में से एक रहे इकबाल अंसारी ने देश से गुहार लगाई है कि इस फैसले को लेकर अब कोई और नया विवाद न खड़ा किया जाए। उन्होंने कहा, 'कई लोगों ने इस संबंध में मामले दायर किए थे। लेकिन हम चाहते हैं कि विवाद समाप्त हो। हम संविधान और अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। अब देश में कोई नया विवाद नहीं होना चाहिए।'


अदालत के फैसले से आश्चर्य नहीं : एनसीपी
एनसीपी ने कहा कि विशेष अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने से वह चकित नहीं है। महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने एक वीडियो संदेश में कहा, 'मामले में अदालत ने आज फैसला दे दिया है। यह अपेक्षित था और इसलिए हमें आश्चर्य नहीं हुआ।' मंत्री ने कहा कि साक्ष्यों के अभाव में आरोपी भले ही बरी हो गए लेकिन जांच एजेंसियों ने साक्ष्यों के आधार पर मामला दायर किया था।


फर्जी लोगों पर मुकदमा कायम विहिप नेता प्रकाश शर्मा


विहिप नेता प्रकाश शर्मा ने कहा कि आज यह स्पष्ट हो गया है कि उस समय की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ढांचा गिरने के बाद मुस्लिम तुष्टिकरण के लाभ को उठाने के लिए यह फर्जी लोगों पर मुकदमा कायम कराकर आम लोगों को प्रताड़ित करने का प्रयास किया. लेकिन राम के काज में सब कुछ स्वीकार है. उन्होंने कहा कि अब तो मंदिर निर्माण का काम 5 तारीख से प्रारंभ हो गया है. हमारी पहली प्राथमिकता है भव्य राम मंदिर का निर्माण हो.


Comments