- विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने राजीव कृष्णा को अलीगढ़ रेंज के जिलों की सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी है. वहीं शलभ माथुर को चंदपा थाने क्षेत्र में भेजा गया है.
लखनऊ: हाथरस में 19 वर्षीय दलित की बेटी की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की है. हाथरस में जातिगत दंगे फैलाने की साजिश के खुलासे के बाद डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को हाथरस में खास जिम्मेदारी दी है. एडीजी राजीव कृष्णा को अलीगढ़ रेंज और डीआईजी शलभ माथुर को हाथरस भेजा गया है.
- चारों जिलों का करेंगे भ्रमण, समीक्षा होगी
एडीजी राजीव कृष्ण ने मोबाइल पर हुई बातचीत में बताया कि उन्होंने हाथरस में मंगलवार को रहकर जानकारी ली है। अब अलीगढ़ की बृहस्पतिवार को समीक्षा करेंगे। इसके बाद एटा व कासगंज जाएंगे। यहां जो भी हालात बन रहे हैं, उन पर पूरी नजर रखी जाएगी। साथ में किसी भी तरह से माहौल खराब न हो, इस दिशा में पूरा प्रयास किया जाएगा।
- शलभ माथुर को जिम्मेदारी
हाथरस में तैनात किए गए डीआईजी शलभ माथुर को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह पीड़ित परिवार की सुरक्षा प्रबंध व्यवस्था, अग्निशमन, सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था, जिले में आपराधिक समाज विरोधी, सांप्रदायिक के खिलाफ कार्रवाई, थानों में तैनात पुलिस कर्मियों, चंदपा व हाथरस थाना में पुलिस कर्मियों की कार्य क्षमता की समीक्षा करेंगे।
उन पर जनप्रतिनिधियों से संवाद, सांप्रदायिक सौहार्द, पर्व, त्योहार लेकर कार्ययोजना तैयार करने की जिम्मेदारी होगी। जिले का भ्रमण कर सारी जानकारी डीजीपी मुख्यालय को अवगत कराएंगे। दोनों अधिकारी यहां पहुंच गए हैं। एडीजी राजीव कृष्ण मंगलवार को हाथरस में ही रहे और शलभ माथुर भी वहां पहुंच गए। दोनों ने हाथरस एसपी विनीत जायसवाल, आईजी रेंज अलीगढ़ पीयूष मोर्डिया, एडीजी आगरा अजय आनंद से स्थितियों पर जानकारी ली।
विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने राजीव कृष्णा को अलीगढ़ रेंज के जिलों की सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी है. वहीं शलभ माथुर को चंदपा थाने क्षेत्र में भेजा गया है. यहां वे पीड़िता के परिवार की सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए काम करेंगे. दोनों अधिकारियों को एक रिपोर्ट भी तैयार कर डीजीपी कार्यालय भेजनी है. यह जांच रिपोर्ट दोनों अधिकारियों को 7 दिन में उपलब्ध करानी है. 7 दिनों तक दोनों अधिकारी डीजीपी द्वारा दी गई अतिरिक्त जिम्मेदारी के तहत क्षेत्र में तैनात रहेंगे.
- फंडिंग को लेकर ईडी ने जांच शुरू की
हाथरस मामले में वेबसाइट की मदद से लगभग 100 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई है. इसके खुलासे के बाद ईडी दंगे भड़काने के लिए बनाई गई वेबसाइट और प्रतिबंधित संगठन पीएफआई संगठन से जुड़े हुए लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही हैं. बताते चलें कि पीएफआई संगठन के पास विदेश से फंडिंग होती है. ऐसे में यह फंडिंग कहां-कहां से हो रही है, इसको कहां सर्कुलर किया जा रहा है. इस बारे में ईडी ने जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है. हाथरस के मामले में ईडी जल्द मामला दर्ज करेगी.
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