प्रतियोगी परीक्षा सॉल्वर गैंग सात आरोपी गिरफ्तार दो डॉक्टर भी शामिल




  • कानपुर पुलिस ने प्रतियोगी परीक्षाओं को सॉल्व करने वाले सॉल्वर गैंग को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने खुलासा करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं. इसमें से एक राम मनोहर लोहिया में कार्यरत है, तो दूसरा एमबीबीएस के अंतिम वर्ष का छात्र है.




कानपुर: पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में सॉल्वर बनकर मोटी रकम ऐंठने का काम करते थे. बजरिया पुलिस प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पूछताछ की तो सभी ने बताया कि वे नीट और UP CATET की परीक्षा में एग्जाम पेपर को सॉल्व करने की तैयारी कर रहे हैं.






  • फरार लोगों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन


इसकी जानकारी देते हुए एसपी पश्चिम डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि पकड़े गए सॉल्वरों के पास से फर्जी प्रवेश पत्र, फर्जी आधार कार्ड व मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. वहीं एसपी पश्चिमी ने बताया कि सभी अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं. इनके संबंध में यह पता लगाया जा रहा है कि इनके गिरोह में कितने लोग शामिल हैं. वहीं पुलिस फरार लोगों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम का गठन भी किया गया है.



  • नीट और यूपी कैटेट से जांच में लिया जा रहा सहयोग


सॉल्वर गैंग में एक रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल है, जो डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कार्यरत है. गिरफ्तार डॉक्टर सचिन आजमगढ़ जिले का रहने वाला है. एक अन्य गिरफ्तार आरोपी अवध बिहारी एमबीबीएस अंतिम वर्ष का छात्र है, जो कि मिर्जापुर का रहने वाला है. पुलिस ने इनके पास से एक लैपटॉप 11 मोबाइल फोन और तीन मोटरसाइकिल बरामद की है. इस संबंध में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एवं यूपी कैटेट 2020 से जांच में सहयोग भी लिया जा रहा है.


इसके अलावा अनूप पटेल की जगह पर फैजाबाद निवासी सॉल्वर राकेश वर्मा ने बीएनएसडी शिक्षा निकेतन परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दी थी। एसपी ने बताया कि इनके जरिये लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एमबीबीएस डॉक्टर सचिन कुमार मौर्या, बलरामपुर के पचपिड़वा निवासी महफूज और गोरखपुर के गगहा थाना क्षेत्र के बेदरतन की गिरफ्तारी की गई।  पनकी गंगागंज का धीरेंद्र प्रताप सिंह भी गिरोह का ही सदस्य है। 


ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा, 10-15 लाख वसूले 
एसपी पश्चिम ने बताया कि बेदरतन, महफूज और डॉक्टर सचिन अभ्यर्थियों को जुटाते थे। उनका ब्योरा तैयार कराते थे। फर्जी आधार कार्ड व फोटो मिक्स कर दस्तावेज तैयार करने की जिम्मेदारी धीरेंद्र प्रताप की रहती थी।


वो कल्याणपुर के शारदा नगर स्थित अपने फोटो स्टूडियों में ये पूरा खेल करता था। एसपी के मुताबिक सॉल्वर गैंग एक-एक अभ्यर्थी से 10 से 15 लाख रुपये तक परीक्षा पास कराने के लिए वसूलते थे। पूछताछ में आरोपियों ने पूरा फर्जीवाड़ा कबूला है।
सरगना फरार, बिचौलियों की बड़ी भूमिका
एसपी ने बताया गिरोह का सरगना लोहावन, यमुनापर थाना क्षेत्र मथुरा का रहने वाला भोलाशंकर है। भोला शंकर के साथ ही महोबा का सतेंद्र सिंह और प्रयागराज का जानकी त्रिवेदी फरार है। भोलाशंकर के सक्रिय सदस्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में रहते हैं।


इसमें बिचौलियों की बड़ी भूमिका है। ये बिचौलिये अभ्यर्थियों की तलाश करते हैं। उनको अपने जाल में फंसाते हैं और फिर भोलाशंकर से बात कराते हैं। वो तय करता है कि कौन किसकी जगह पर परीक्षा देगा। ये खेल वो कई वर्षों से कर रहे थे। करोड़ों रुपये कमा इतनी बड़ी परीक्षाओं में सेंधमारी की। 


एजेंसी से किया संपर्क
पुलिस ने इन परीक्षाओं को आयोजित कराने वाली एजेंसियों से संपर्क कर पूरी जानकारी दी है। इसके साथ ही सॉल्वरों ने जिन-जिन अभ्यर्थियों की जगह पर परीक्षा दी है, उनका डाटा भी मांगा है। एसपी का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा सिस्टम में किस तरह से सेंधमारी की गई है इसकी अहम जानकारी जांच में सामने आएंगी। अभी कई और आरोपी बनेंगे।


 


 



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