कोविड19 टीके के हलाल होने पर शंका जताते हुए मुस्लिम धर्मगुरुओं और संगठनों ने इसके इस्तेमाल पर सवाल उठाया है उन्होंने कहा कि को के भंडारण और ढुलाई में सूअर के मांस से बने सुरेश जैसे उत्पादों के उपयोग से शरीयत के अनुसार इसका इस्तेमाल जायज नहीं है कंपनियों के आश्वासन के बावजूद इंडोनेशिया जैसे देशों में इसका विरोध शुरू हो गया है धर्म गुरुओं का कहना है कंपनियों ने स्पष्ट बयान नहीं दिए ब्रिटिश इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव सलमान वकार का कहना है कि यहूदियों व मुसलमानों में जी के के को लेकर शंकाएं हैं वही श्रेणी विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ हरनूर राशिद का कहना है कि इस्लामी नियमों के अनुसार सहमति नहीं बनने से संकाय हैं
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