केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की ज्वलंत समस्याओं के समाधान हेतु एक दिवसीय सांकेतिक कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया था
कानपुर । देश के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ केस्को के कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में एवं अन्य समस्याओं के समाधान हेतु आज कार्य बहिष्कार किया विदित हो कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की ज्वलंत समस्याओं के समाधान हेतु एक दिवसीय सांकेतिक कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया था । संघर्ष समिति ने इस आशय का नोटिस केंद्रीय विद्युत मंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार को भी प्रेषित कर दिया था। इसी क्रम में केस्को के संविदा कर्मचारियों, स्थायी कर्मचारियों, अवर अभियन्ताओं एवं अभियन्ताओं ने भी कार्य बहिष्कार किया। केस्को के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत कार्मिक अपने-अपने कार्यालयों में प्रातः 10 बजे एकत्र हुए वहाँ पर उपस्थिति दर्ज कराने के बाद कार्य बहिष्कार कर नारेबाजी करते हुए छोटे-छोटे जत्थों में केस्को मुख्यालय की ओर कूच कर गये। मुख्यालय के कर्मचारी भी उनके साथ हो लिये। उन्होंने घूम-घूम कर नारेबाजी की उसके पश्चात् मुख्यालय में ही सभा की।
सभा को सम्बोधित करते हुए संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों ने बताया कि निजीकरण का प्रयोग उड़ीसा, ग्रेटर नोएडा और आगरा में बुरी तरह विफल हो चुका है फिर भी केंद्र सरकार ने बिजली के निजीकरण हेतु इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेट) बिल 2020 एवं स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट जारी किया है जिससे देशभर के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है। केंद्र सरकार के निर्देश पर केंद्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़ और पांडिचेरी में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है जिसके विरोध में उत्तर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता आज देश के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ एक दिवसीय सांकेतिक कार्य बहिष्कार कर रहे है। उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारी किसान आंदोलन को नैतिक समर्थन प्रदान कर रहे हैं जिनकी मांगों में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 की वापसी प्रमुख है। उन्होंने यह माँग की कि इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 व स्टैन्डर्ड बिडिंग डॉक्युमेंट वापस लिया जाये, निजीकरण की सारी प्रक्रिया निरस्त की जाये, ग्रेटर नोएडा का निजीकरण व आगरा फ्रेंचाइजी का करार समाप्त की जाये, विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण निगमों को एकीकृत कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन की जाये, सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की जाये, तेलंगाना की तरह संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाये और सभी रिक्त पदों विशेषतया क्लास 3 और क्लास 4 के रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरा जाये, सभी संवर्ग की वेतन विसंगतियां दूर की जाये और तीन पदोन्नत पद का समयबद्ध वेतनमान प्रदान किया जाये। सभा को भगवान मिश्रा, पूसेलाल, ई. अश्विनी चतुर्वेदी, ई. देवेन्द्र अग्रवाल, बी. के.अवस्थी, विष्णु पाण्डेय, कपिल मुनि प्रकाश, मो. आरिफ बेग, ई. विपिन गंगवार, ई. सतीश चन्द्र, गौरव दीक्षित, हसमत उल्ला खाँ, शिव कुमार गौतम, राकेश कुमार, लालजी, शम्भू सिंह आदि ने सम्बोधित किया।
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