- 5-6 फरवरी को जनपद में कुछ स्थानों पर ओले पड़ने तथा आकाशीय बिजली गिरने की सम्भावना है।किसान भाइयों को पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए 6 फरवरी तक फसलों की सिंचाई न करने की सलाह दी
मौसम विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार आगामी 5 से 6 फरवरी के बीच लखनऊ, कानपुर, बाराबंकी, कन्नौज, आगरा, इटावा, मैनपुरी, हरदोई, हाथरस, एटा, सीतापुर, मथुरा, फरूखाबाद, फिरोजाबाद, कासगंज, उन्नाव जनपद में क्रमशः 2 से,2.5मिमी० बरसात होने तथा 5-6 फरवरी को जनपद में कुछ स्थानों पर ओले पड़ने तथा आकाशीय बिजली गिरने की सम्भावना है।किसान भाइयों को पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए 6 फरवरी तक फसलों की सिंचाई न करने की सलाह दी चंद्रभान गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय बक्शी का तालाब लखनऊ के कीट विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने किसानों को कीटनाशकों तथा खरपतवारनासी का छिड़काव न करने की सलाह दी।डॉक्टर सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि किसान भाई इस समय अपनी फसलों पर जैविक उत्पाद छिड़क सकते हैं, इसके लिए ट्राइकोडरमा, ब्युबेरिया बैसियाना, न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस तथा बैसिलस थुरीजेनेसिस को प्रयोग करने की सलाह दी। महाविद्यालय के मृदा विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ हृदय नारायण तिवारी ने बताया कि किसान भाई इस समय दानेदार उर्वरकों का प्रयोग बिल्कुल ना करें जब मौसम में सुधार हो तभी उर्वरकों का छिड़काव करें।
प्रमुख रबी फसलों व सब्जियों के लिए नुकसानदेह
बख्शी का तालाब नगर पंचायत के भौली गांव के प्रगतिशील किसान सुनील कुमार वर्मा एवं धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया हल्की से मध्यम बरसात रबी फसलों के लिए मुफीद साबित हो सकती है। इस समय ओला वृष्टि की मौसमी घटना सभी प्रमुख रबी फसलों व सब्जियों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।
फसल बीमा योजना में पंजीकरण कराना लाभप्रद
बख्शी का तालाब बीज विकास केंद्र के प्रभारी प्रमोद यादव ने बताया की ओला वृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अधिक से अधिक किसान भाइयों को फसल बीमा योजना में पंजीकरण कराना लाभप्रद होगा।
पशुपालन विभाग के सहायक आचार्य सुधीर कुमार रघुवंशी ने पशुपालकों को सलाह
चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय बक्शी का तालाब लखनऊ के पशुपालन विभाग के सहायक आचार्य सुधीर कुमार रघुवंशी ने पशुपालकों को सलाह दी कीपशुओं गाय भैंस भेड़ बकरी की यदि मौसम खराब हो जाता है तो बीमारियों का खतरा रहता है इसलिए इन्हें बचाकर रखने की जरूरत है। खासकर मुर्गी पालक किसान मुर्गियों का विशेष ध्यान रखें और बड़े दरबे का प्रयोग करें। शुद्ध दानों को चुनने के लिए मुर्गियों को दें। पशुशाला में राख छिड़काव करें तथा सूखी बिछावन का प्रयोग करें। मुर्गीपालक किसान पोल्ट्री घरों में हाइलोजन लाइट तथा हीटरो की सहायता से चूज़ों व मुर्गियों के लिए अनुकूल तापमान बनाये रखें। उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ बल बहादुर सिंह चौहान एवं डॉ एल पी यादव ने बताया की किसान भाई इस समय जायद में बोई जाने वाली सब्जी वर्गीय फसलों की बुवाई ना करें घर पर ही उचित ढंग से नर्सरी तैयार कर ले
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