एसएसपी के मुताबिक करीब सत्तर आरोपियों की पहचान हो चुकी है। मगर आधे आरोपियों का सत्यापन नहीं हो सका है। एसएसपी ने बताया कि j को अंजाम देने के बाद तमाम आरोपी भी पलायन कर गए थे। ताकि उन पर कार्रवाई न हो। जांच में ये तथ्य सामने आया है।
एसएसपी के मुताबिक कई सरकारी कमऱोचारी भी आरोपी थे। जिनका पता नहीं चल पा रहा है। इसके लिए श्रम विभाग, रोडवेज समेत अन्य कई विभागों को पत्र लिखकर उस वक्त तैनात कर्मचारियों का ब्योरा मांगा है। जिससे कुछ मदद मिल सके।
सिख विरोधी दंगों में जिन केसों में पुलिस ने चार्जशीट लगाई थी उनमें से चार केसों की विवेचना दोबारा हो सकती है। एसआईटी ने सभी केसों की समीक्षा के बाद चार केसों की दोबारा विवेचना के लिए कोर्ट में अपील की है। कोर्ट की मंजूरी के बाद विवेचना शुरू हो सकेगी। अगर विवेचना होती है तो इसमें भी तमाम दंगाई बेनकाब होंगे। ऐसे ही एक केस में पहले ही अपील हो चुकी है। जिस पर फैसला अभी बाकी है। एसआईटी हत्या के 19 केसों की विवेचना कर रही है। इन सभी केसों में तत्कालीन जांच अधिकारियों ने फाइनल रिपोर्ट लगा केस बंद कर दिए थे। एसआईटी एसएसपी बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि हत्या व डकैती के 11 केसों में चार्जशीट लगाई गई थी। साक्ष्यों व गवाहों के अभाव में दंगाई बरी हो गए थे। एसआईटी ने इन 11 केसों की समीक्षा की। जिसमें से चार केसों में कुछ तथ्य ऐसे मिले, जिसमें एसआईटी को संभावना है कि इसमें विवेचना में काफी लापरवाही बरती गई। अगर ऐसा न किया गया होता तो उसमें दंगाईयों को सजा होती। लिहाजा ये केस दोबारा एसआईटी खोलना चाहती है। एसएसपी के मुताबिक कोर्ट में इस संबंध में अपील की गई है। अगर मंजूरी मिलती है तो विवेचना शुरू की जाएगी।
सैकड़ों से आरोपी, दो दर्जन से अधिक की हुई थी पहचान
इन चार केसों में सैकड़ों दंगाई आरोपी थे। जिन्होंने सिख परिवारों के घरों में घुसकर हत्याएं की थी और डकैती डाली थी। तत्कालीन जांच में दो दर्जन से अधिक आरोपियों की शिनाख्त भी हुई थी। जिन पर मुकदमा चला था। मगर बाद में वो बरी हो गए थे। अगर अब विवेचना शुरू होती है तो सबसे पहले एसआईटी इन चिन्हित आरोपियों का सत्यापन करेगी। उसी आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ाएगी।
दंगाइयों को चिन्हित करना बड़ी चुनौती
एसएसपी के मुताबिक करीब सत्तर आरोपियों की पहचान हो चुकी है। मगर आधे आरोपियों का सत्यापन नहीं हो सका है। एसएसपी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद तमाम आरोपी भी पलायन कर गए थे। ताकि उन पर कार्रवाई न हो। जांच में ये तथ्य सामने आया है।
एसएसपी के मुताबिक कई सरकारी कमऱोचारी भी आरोपी थे। जिनका पता नहीं चल पा रहा है। इसके लिए श्रम विभाग, रोडवेज समेत अन्य कई विभागों को पत्र लिखकर उस वक्त तैनात कर्मचारियों का ब्योरा मांगा है। जिससे कुछ मदद मिल सके।
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