अचानक बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान कैसे करें बचाओ डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह

 




बेमौसम बरसात हो जाने के कारण जायद में कद्दू वर्गीय  सब्जियों तथा तरबूज एवं खरबूजा   की बुवाई लेट हो जाएगी और किसानों को अधिक निगरानी करनी होगी

बख्शी का तालाब लखनऊ  विकासखंड मे अचानक मौसम में परिवर्तन होने  शुक्रवार मध्य रात्रि  से रुक-रुक कर बारिश जारी है। बारिश से पछेतीआलू, टमाटर, बीन्स, मटर, मिर्च एवं बैगन  की फसलों तथा सरसों की बेमौसम बरसात होगा। सी बी गुप्ता कृषि महाविद्यालय के कृषि कीट विज्ञान के सहायक आचार्य डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया की वातावरण में आद्रता अधिक होने एवं दिन में प्रकाश ना होने के कारण फसलो पर बीमारियों के साथ  चूसने वाले कीटो  का अधिक प्रकोप बढ़गा । बेमौसम बरसात हो जाने के कारण जायद में कद्दू वर्गीय  सब्जियों तथा तरबूज एवं खरबूजा   की बुवाई लेट हो जाएगी और किसानों को अधिक निगरानी करनी होगी। डॉ सिंह ने बताया कि आलू, टमाटर,  मिर्च मे बीमारियों का प्रकोप बढ़ेगा जिसे प्रबंधित  करने के लिए डाइथेन एम- 45 की 3 ग्राम मात्रा को 1 लीटर पानी के दर से घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी। यह ध्यान रहे छिड़काव सदैव ओस खत्म हो जाने के बाद किया जाए, साथ में सफेद मक्खी  एवं माहूको नियंत्रित करने के लिए वाइपर प्लस अथवा एकतारा नामक कीटनाशक का छिड़काव करने की सलाह दी इसके लिए 2 एम एल कीटनाशक को 1 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर करने की सलाह दी।

मटर की फसल करते रहे किसान निगरानी।

मटर की फसल  बेमौसम बारिश हो जाने पर  सब्जी मटर मे अधिक नुकसान होने की संभावना है जैसे ही बारिश खत्म होगी चटकीली धूप निकलेगी जिससे सब्जी मटर के ऊपर भंभुआ रोग (असिता )का प्रकोप बढ़ेगा इस बीमारी से पौधों की पत्तियां, तने, शाखाएं तथा फलियां बुकनी जैसे पदार्थ से ढक जाती हैं, रोकथाम के लिए सल्फर युक्त रसायन हेक्साल, एलोसाल, सल्फेक्स  मे से किसी एक रसायन की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर अथवा कैराथेन 1 मिली‌ प्रति लीटर पानी में मिलाकर रोग प्रकट होने पर छिड़काव करें तथा 15 दिन के अंतराल पर आवश्यकतानुसार पुनः छिड़काव दोहराएं।

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