लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से तैयार किए गए पीएचडी के नए आर्डिनेंस को राजभवन से मंजूरी दे दी है। इसके तहत कई बदलाव हुए हैं। अब छात्र-छात्राएं नौकरी के साथ-साथ पार्ट टाइम पीएचडी भी कर सकेंगे। आनलाइन मौखिक परीक्षा के लिए कुलपति की अनुमति लेने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
लखनऊ - लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए राहत भरी खबर है। नौकरी के साथ-साथ छात्र अब पार्ट टाइम पीएचडी भी कर सकेंगे। विश्वविद्यालय की ओर से तैयार किए गए पीएचडी के इस नए अध्यादेश को राजभवन से मंजूरी मिल गयी है। साथ-ही पीएचडी की ऑनलाइन मौखिक परीक्षा के लिए कुलपति की अनुमति लेने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। इस नए बदलाव के साथ पीएचडी दाखिले की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अध्यादेश 2020 में फुल टाइम और पार्ट टाइम पीएचडी की जा सकेगी।
लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों के मुताबिक अभी तक पीएचडी कर रहे छात्रों के लिए नौकरी के साथ पीएचडी करने का नियम विश्वविद्यालय में नहीं था। ऐसे में तमाम छात्र ऐसे हैं जिन्हें शोध में रुचि है साथ-ही नौकरी भी करते हैं, वे इससे वंचित रह जाते थे। विश्वविद्यालय के इस नए नियम से उन्हें लाभ मिलेगा। पीएचडी कर रहे छात्रों को केवल प्रोफेसर्स या एसोसिएट प्रोफेसर्स की देखरेख में नामांकित किया जाएगा। एक अकादमिक वर्ष में सिर्फ एक पार्ट टाइम रिसर्च कर रहे छात्र के नामांकन की अनुमति एक संकाय के तहत दी जाएगी। इन छात्रों को कोर्स वर्क परीक्षा को पास करना जरूरी होगा। लविवि के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि नए नियम के अनुसार ही दाखिले लिए जाएंगे।
लविवि के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि राजभवन से नए पीएचडी आर्डिनेंस को मंजूरी मिल गई है। शोध में गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देने के हिसाब से यह आर्डिनेंस बनाया गया है। छात्र हित में यह उपयोगी होगा। नौकरी के साथ पार्ट टाइम पीएचडी की सुविधा से शोध में रुचि रखने वाले छात्रों को काफी फायदा मिलेगा।
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