अम्बरीष महाराज ने अपने जीवन की परमात्मा के चरणों में समर्पित कर दिया। जिस कारण उनकी रक्षा के लिए भगवान ने स्वयं अपने सुदर्शन चक्र के माध्यम से उनकी रक्षा की
कानपुर। राम मास मंदिर निराला नगर में चल रही मद् भागवत कथा में कथा व्यास पं. दीपक कृष्ण महाराज ने बताया कि भगवान ने सत्यव्रत की रक्षा के लिए मत्सय अवतार धारण किया अम्बरीष महाराज ने अपने जीवन की परमात्मा के चरणों में समर्पित कर दिया। जिस कारण उनकी रक्षा के लिए भगवान ने स्वयं अपने सुदर्शन चक्र के माध्यम से उनकी रक्षा की।
हरिश्चन्द्र ने सत्य की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर दिया था। जीवन में जो सत्य के पथ पर चलता है उसे उनके कष्टो का सामना करना पड़ता है। परन्तु सत्य कभी पराजित नहीं होता।
राजा सगर के साठ हजार पुत्रों का उद्धार करने के लिए उनके वंशज महाराजा भागीरथ ने अपने कठिन प्रयासों से गंगा जी को पृथ्वी में लेकर आए जिस कारण गंगा का नाम भागीरथी गंगा पड़ा हम अपने कठिन प्रयासों और इच्छाशक्ति के बल पर किसी भी कार्य को सफल कर सकते हैं।
मानव धर्म ही सर्वश्रेष्ठ धर्म है और मानव सेवा ही सच्ची सेवा है इस पंक्ति को महाराज रन्तिदेव ने अपने जीवन में सिद्ध कर दिया। प्रभू श्री राम ने अयोध्या में महाराजा दशरथ के घर अवतार धारण किया और जीव को पूर्ण जीवन जीने की कला सिखाई हमे अपने जीवन को किस प्रकार से यापन करना चाहिए यह बात हमे प्रभू राम ने समझाई संसार में ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका समाधान हमे श्री राम कथा के द्वारा प्राप्त नहीं हो सकता है।अधर्म के बढ़ने पर धर्म की स्थापना करने के लिए भगवान अवतार ग्रहण करते है। भगवान कृष्ण का प्रकटय मथुरा में हुआ और बसुदेव जी के द्वारा उन्हें गोकुल में पहुंचा दिया गय़ा। जहां भगवान का नन्दोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण वृन्दावन की भांति भक्तिमय हो गया। कृष्ण जन्म पर सभी भक्त आनन्द में नृत्य करते रहे।
कथा में शिवचंद्र शुक्ला, मनोज वाजपेयी, संदीप शुक्ला, अशोक दीक्षित, समर्थ शुक्ला, अमन सरदार, अमित गुप्ता, विपिन दीक्षित, कृति शुक्ला, व्याख्या त्रिपाठी, दीपाली वाजपेयी, समृद्धि पांडेय, पूर्ति पांडेय आदि मौजूद रहे।
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