जूही लाल कॉलोनी की आवाम ने रमजान की ख़ास नमाज तरावीह में मुकम्मल कुरान ए पाक सुनने का सर्फ हासिल किया
मदरसा अन्अम हशमतुर्रज़ा में जश्न ए मुकम्मल कुरान ए पाक के मौके पर 24 रमजान उल मुबारक की 25 वीं शब को जश्ने मुकम्मल कुरान ए पाक का प्रोग्राम हुआ। जश्न का आगाज कुरान ए रब्बानी के साथ हुआ। जिसमें रसूले पाक की बारगाह नात ओ मनक्बत और सलात व सलाम का नजराना पेश किया गया। .
जूही लाल कॉलोनी की आवाम ने रमजान की ख़ास नमाज तरावीह में मुकम्मल कुरान ए पाक सुनने का सर्फ हासिल किया। जहाँ तरावीह में कुरान सुनाने वाले हाफ़िज़ इरफ़ान अमजदी साहब ने माहे रमजान करीम की शान बयान करते हुए कहा कि इस खास महीने हमें ज़्यादा से ज़्यादा इबादत करना चाहिए। सारे बुरे कामो से बचना चाहिए।
पूर्व काज़ी ए शहर कानपुर मौलाना रियाज़ अहमद हशमती साहब के दामाद हाफिज वा कारी इरफ़ान अमजदी साहब ने खिताब करते हुये सदकये फितर और ऐतकाफ की फ़ज़ीलत पर रोशनी डाली। गरीब भाईयों की ईद की खुशियों में शामिल करने का सबसे अच्छा जरिया सदकये फितर देकर उनकी मदद करनी चाहिये।हाफिज वा कारी ने बताया की इस बार फितरे की रकम 60 रुपये प्रति व्यक्ति हैं।
मुकम्मल कुरान पाक के बाद हाफिज जी ने कहा की कुरान मुसलमानों के लिये सीधी राह दिखाने का जरिया हैं।खुशनसीब हैं, वो लोग जो क़ुरान हाफ़िज़ हैं। उन्होंने ने कहा कि रमज़ान का महीना रहमतों वाला हैं।हाफिज जी ने रमज़ान महीने में शब-ए-कद्र की रात में अल्लाह की इबादत कर हमें अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिये। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने रमज़ान को अपना महीना करार दिया हैं। इसी महीने में कुरान नाज़िल हुआ, इसलिये रमज़ान और कुरान का आपस में गहरा रिश्ता हैं।
बयान करते हुए कहा कि रमजान उल मुकद्दस का महीना बड़ा बरकत वाला है। इसमें अल्लाह के बंदे ज्यादा से ज्यादा रोजे रखें। उन्होंने कहा कि इस वक्त हम मुसलमानों का अल्लाह त-आला सख्त इम्तिहान ले रहा है। जो भी मुसलमान बंदा इतनी शिद्दत व गर्मी में रोजे रखता है। अल्लाह त-आला उसकी हर जायज मुरादें पूरी कर देता है और उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। इसलिए मुसलमानों को चाहिए रमजान मुकद्दस के महीने में ज्यादा से ज्यादा रोजे रखें और कुरान की तिलावत ज्यादा से ज्यादा करें।
आखिरी में वतन ए हिंदुस्तान के खुशहाली के लिए खुसूसी दुआ हुई अल्लाह तआला इस रमजान उल मुबारक के सदके वतन ए हिंदुस्तान में अमन व शांति अता फरमाए और अल्लाह तआला मुसलमानों के हर नेक मकासिद को पूरी अता फरमाए।
मदरसे की जानिब से तबररुक बांटा गया। बानी जुलूस, जुलूस चिश्तिया हैदरी मोहम्मद इमरान खान ने बताया कि माशाल्लाह मदरसे में काफी संख्या में नमाज़ियों की भीड़ थी। वहीं नमाज़ के बाद सभी के द्वारा एक दूसरे को मुबारकबाद दिया गया। अजमेरी भाई से सभी इस्तकबाल किया। खान ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि रमज़ान का महीना इबादत का महीना होता है। यह माह रहमत व बरकत ले कर आता है। इस माह में एक नेकी का शवाब 70 गुना होता है। अल्लाह जिससे चाहता है दीनी काम ले लेता है। जिससे चाहता है तामीरी काम करवा लेता है। मदरसे का तामीरी काम चल रहा है। इस में आप सभी से गुज़ारिश है कि मदरसे की तामीर में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें।
इस मौके पर अजमेरी भाई, बानी जुलूस चिश्तिया हैदरी मोहम्मद इमरान खान, उस्मान भाई, असलम भाई, दिलशाद चिश्ती सगीर अहमद, नाजिस हुसैन, नायाब जाफरी, आफताब पठान, मोनू पठान, राजू कबाड़ी, आसिफ़ फ्रिज, कफ़ील भाई आदि काफी लोग मौजूद रहे।
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