स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया गया ग्लोबल हैंड वाशिंग डे।

 स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया गया ग्लोबल हैंड वाशिंग डे।



कानपुर । कीटाणुओं के प्रसार में हाथ की सफाई बेहद महत्वपूर्ण है। हाथों को साफ रखकर कीटाणुओं द्वारा होने वाले संक्रमण को रोका जा सकता है और लोगों को स्वस्थ रखा जा सकता है। हम हाथों को साबुन और पानी से धोकर कोरोना से तो बच ही सकते हैं इसके अलावा डायरिया कुपोषण, पेट में कीड़े, कॉलरा जैसी बीमारियों से भी बचा जा सकता है। यह कहना है अपर मुख्य चिकित्साधिकारी और क़्वालिटी एश्योरेन्स के नोडल अधिकारी डॉ एसके सिंह का। बता दें कि हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे (विश्व हाथ धुलाई दिवस) मनाया जाता है वर्ष  में इस दिवस की थीम यूनिवर्सल हैंड हाइजीन के लिए एकजुट हों' है। इसी क्रम में जनपद के सभी जिला अस्पतालों सहित समस्त स्वास्थ्य इकाइयों में शनिवार को विश्व हैंडवॉश डे मनाया गया इस मौके पर ब्लॉक कल्याणपुर के गाँव बिनौर की फाईलेरिया नेटवर्क सदस्य बबली वर्मा ने ग्रामीणों को हाथों की सफाई के महत्व पर चर्चा के साथ ही गंदगी की वजह से होने वाली बीमारियों से बचाव के बारे में जानकारी दी। डीसीपीएम योगेन्द्र पाल ने बताया कि जनपद के सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों में भी हैंड वॉश डे मनाया गया और लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया गया। जिला क़्वालिटी एश्योरेन्स परामर्शदाता डॉ आरिफ़ बेग़ ने बताया की ग्लोबल हैंडवाशिंग डे के दौरान जहाँ एक ओर चिकित्सक और स्टाफ ने स्वच्छता को बढ़ावा देने की शपथ ली वहीं मरीजों के साथ आए तीमारदारों को हैंड वाशिंग का तरीका समझाया गया। डॉ बेग़ ने बताया कि गंदगी तमाम बीमारियों की जड़ है। हाथों के माध्यम से सबसे ज्यादा गंदगी फैलती है। लोगों को हाथों की सफाई के बारे में जागरुक करने के लिए यह दिवस आयोजित किया जा रहा है।जिला महिला अस्पताल की चिकित्सालय प्रबंधक डॉ दरक्शा ने बताया की शनिवार को जिला अस्पताल में विश्व हैंड वॉश डे पर मरीजों और तीमारदारों को हाथों को सुमन के फार्मूले को अपना कर धोने का डैमो करके दिखाया गया। सुमन-के फार्मूले के अनुसार पहले हाथों को सीधा करके धोना होता है और फिर उल्टा, उसके बाद मुट्ठी बांधकर हथेली में रगड़नी होती है। एक हाथ से दूसरे हाथ के अंगूठे को पकड़कर अच्छी तरह से साफ किया जाता है, उसके बाद नाखून की सफाई और आखिरी में कलाई को धोया जाता है।

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