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महामंत्री ब्रज मोहन गुप्ता एडवोकेट ने अपने संबोधन में कहा अधिवक्ता का प्राथमिक कर्तव्य संविधान के अनुसार -विधि का शासन समाज में बनाए रखने में अपना योगदान प्रदान करना होता है
सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन, कानपुर द्वारा जीएसटीआर 9 , 9सी व जीएसटी अपील पर एक अध्ययन गोष्ठी का आयोजन एसोसिएशन हाल, लखनपुर, कानपुर मैं आयोजित हुआ कार्यक्रम श्री कुलदीप नरायण बाजपेई एडवोकेट जी की अध्यक्षता मैं प्रारंभ हुआ संचालन महामंत्री ब्रज मोहन गुप्ता एडवोकेट ने किया इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मैं श्री एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 अपील श्री एच पी राव दीक्षित, मुख्य वक्ता देवेन्द्र कुमार पाण्डेय जी एडवोकेट, एवं यशोनिधि शुक्ल जी एडवोकेट थे
महामंत्री ब्रज मोहन गुप्ता एडवोकेट ने सभी का स्वागत व अभिनन्दन किया और बताया अधिवक्ता का प्राथमिक कर्तव्य संविधान के अनुसार -विधि का शासन समाज में बनाए रखने में अपना योगदान प्रदान करना होता है और संविधान में प्रदत्त नागरिकों के मूलाधिकारों के प्रवर्तन में न्यायालय की सहायता करनी होती है। साथ ही अपने विधिक ज्ञान, योग्यता और नैतिकता द्वारा उसे नागरिकों का विश्वास तथा सद्भाव प्राप्त करना होता है, यही उसकी अमूल्य पूंजी होती है। उसी अमुल्य पूंजी मैं वृद्धि हेतु आज ये अध्ययन गोस्ठी आयोजित की गयी हैं
प्रथम वक्ता श्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय एडवोकेट ने जीएसटीआर -9 एवं 9C के सम्बंध में चर्चा करते हुए बताया जीएसटीआर -9 फाइल करने के लिये 2 करोड से कम बार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारियो के लिये OPTIONAL है | एवं इससे अधिक टर्नओवर होने पर अनिवार्य रूप से फाइल करना है |इसी प्रकार जीएसटीआर -9C 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर होने पर अनिवार्य रूप से फाइल करना ही होगा GSTR-9 एवं जीएसटीआर-9C फाइल करने की अंतिम तिथि ३१ दिसम्बर 2022 है | एवं जीएसटीआर -9 विलम्ब से दाखिल करने पर विलम्ब शुल्क 200 एवं अधिकतम टर्नओवर का 0.50% की दर से निर्धारित किया जायेगा | इसी प्रकार जीएसटीआर -9 एवं 9C पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए इससे फायदे और नुकसान के बारे में बताया गया तथा अन्त में यह बताया गया कि GSTR-9 एवं 9C फाइल करते समय हमें हमेशा अपनी एकाउंटिंग बुक को केंद्र में रखना चाहिए एवं उसी के हिसाब से TABLE WISE CHART बनाकर हमें अपने पास रखना चाहिए जिससे भबिष्य में अगर DEPARTMENT कोई QUERY करे तो उसे CLARIFY कर सके |
द्वित्तीय वक्ता श्री यशोनिधि शुक्ल (अधिवक्ता, उच्च न्यायालय इलाहाबाद) ने GST अपील के सम्बंध में चर्चा करते हुए जी.एस.टी अधिनियम में तहत अपील के प्रावधानो को बताया | आज की अध्ययन गोस्ठी का केंद्र बिंदु यह रहा की कैसे करदाताओं को जी.एस.टी अधिनियम के अन्तर्गत अपील करने का मौका तो ज़रूर मिला है परन्तु उसके साथ साथ इतने कठोर कानून लागू कर दिए गए है जो की करदाताओं का हित न करके अनहित कर रहे है | जैसे की अगर उनके पारित आदेश का जब तक 10% कर जमा नहीं करा दिया जायेगा तब तक उनके खिलाफ हुए सुनवाई के विरूद्ध अपील स्वीकार नहीं की जाएगी. अगर कोई भी अपील कालबद्धित हो जाती है तो उसको सुना नहीं जा रहा और दाखिल करते ही अपील बिना करदाता को सुने ही रद्द कर दी जाती है | ये इतने कठोर कानून अपील करने के अधिकार को छीन लेते है जिसके बारे में आज सेमीनार में चर्चा की गयी और सबने विचार विमर्श किया
उक्त गोष्ठी में मुख्य रूप से अध्यक्ष कुलदीप नरायण बाजपेई, महामंत्री ब्रज मोहन गुप्ता, चेयरमन स्टडी सर्किल श्री पी० एम० चौधरी, श्री विमल कुमार कटियार, श्री राजकुमार राठौर, श्री आलोक तिवारी, श्री विमल कान्त त्रिवेदी, श्री नवल किशोर अग्रवाल, श्री सुनील कुमार पाल, श्री ए० के० निगम, आदि लोग उपस्थित रहे।
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