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कानपुर/- डी. बी.एस. महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा आधुनिक आत्मनिर्भर भारत में गाँधी जी के विचारों का योगदान' विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती पूजन व सरस्वती वंदना के साथ हुआ। व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ. वैभव द्विवेदी असिस्टेंट प्रोफेसर जागरण कॉलेज कानपुर जी ने छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि गाँधी जी एवं विनोबा भावे द्वारा प्रतिपादित सर्वोदय की अवधारणा से ही आत्मनिर्भरता की संकल्पना पूरी की जा सकती है।
उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि गाँवो में कुटीर उद्योगों की स्थापना पर सरकारों द्वारा विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। क्योंकि देश की 80% जनता गाँव में निवास करती है। गाँव में निवास करने वाली जनता स्वंय आत्मनिर्भर हो जायगी तो भारत देश स्वंय आत्मनिर्भर हो जायेगा। राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० आर० के० त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में कहा की की सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास सर्वोदय की अवधारणा में निहित है। वर्तमान समय में जरूरत इस बात की है कि प्रचार पर अधिक ध्यान न देकर इस संकल्पना को पूरा करने के लिए ठोस और व्यवस्थित कदम उठने की जरूरत है किसी भी राष्ट्र को सर्वोपरि तभी बनाया जा सकता है जब उसमें रहने वाले लोग आत्मनिर्भर हो आत्मनिर्भर होना प्रत्येक व्यक्ति व समाज का सपना होता है। तत्पश्चात डॉ. शिखा सक्सेना ने भी अपने विचारों से छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी पुरुषी व महिलाओं को एक साथ सशक्त व स्वावलम्बी बनाना चाहते थे। उनकी दृष्टि में महिला पुरुषों के समान मानसिक क्षमता के साथ साथ पुरुषों की साथी भी थी। इसलिए उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए उनके हाथों में चरखा दिया गया। जिससे व स्वावलंबी बनकर अपना जीवन बेहतर बना सके। अंत में डॉ. प्रीति सिंह ने अपने विचारों के माध्यम से छात्रों को संदेश दिया कि एक भारतवासी होने के नाते प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि वह अधिकाधिक वस्तुएं उत्पादन करे व उपभोग करे। तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान यात्रा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें। इस कार्यक्रम में छात्र छात्राओं ने भी भाग लिया व अपने अपने विचार प्रस्तुत किए । कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नैक प्रभारी प्रोफेसर के. के. श्रीवास्तव ने मौजूद रहकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
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