करौली शंकर महादेव धाम में हुआ मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महाआयोजन

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 आप धर्म की रक्षा कीजिए धर्म आपकी रक्षा करेगा: पूर्ण गुरु श्री करौली शंकर महादेव 

 तीन दिवसीय आयोजन में हुआ तंत्र के 10 हजार से ज्यादा शिष्यों में से सिर्फ 100 विशेष शिष्यों का चयन जिन्हें आगे मानव कल्याण के लिए जाना जाएंगे


कानपुर,(स्वप्निल तिवारी) श्री करौली शंकर महादेव धाम में त्रिदिवसीय मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महासम्मेलन एवं दीक्षा कार्यक्रम समारोहपूर्वक सम्पन्न हुआ समारोह में देश विदेश के हजारों  साधकों ने किया प्रतिभाग तीन दिवसीय आयोजन में हुआ तंत्र के 10 हजार से ज्यादा शिष्यों में से सिर्फ 100 विशेष शिष्यों का चयन जिन्हें आगे मानव कल्याण के लिए जाना जाएंगे। सनातन संसार का सबसे प्राचीन धर्म है,सनातन अनंत है, जब तक धरा पर सूर्य है,जब तक सनातन धर्म स्थापित रहेगा। यह विचार पूर्ण गुरु श्री करौली शंकर महादेव ने त्रिदिवसीय मार्गशीर्ष पूर्णिमा एवं दीक्षा कार्यक्रम के अवसर पर व्यक्त किये। पूर्ण गुरु श्री करौली शंकर महादेव ने साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह तंत्र दीक्षा ध्यान साधना कार्यक्रम हम सभी के लिए एक आत्मिक यात्रा का प्रारंभ है,तंत्र दीक्षा व मंत्र दीक्षा के माध्यम से स्वयं को परिष्कृत करते हुये समाज सेवा, आध्यात्मिकता और धार्मिक एकता को मजबूत करना होगा।उन्होने कहा कि ढोंग व पाखण्ड व सामाजिक विषमता को समाप्त करते हुये पूर्ण गुरु श्री करौली शंकर महादेव वैज्ञानिक रुप से तंत्र साधना व ध्यान के माध्यम से राष्ट्र कल्याण व समाज के समग्र विकास को समर्पित हैं। पूर्ण गुरु श्री करौली शंकर महादेव ने कहा कि संयम से ही तंत्र साधना सिद्ध होती  है, तंत्र विद्या केवल एक साधना पद्धति नहीं,बल्कि जीवन को समझने और अनुभव करने का एक मार्ग है। यह हमें हमारे भीतरी शक्ति स्रोत से जोड़ता है। ध्यान के माध्यम से हम अपनी मानसिक अशांति को समाप्त कर सकते हैं और आत्मा की शुद्धता की ओर बढ़ सकते हैं।उन्होंने कहा कि यह साधना केवल बाहरी दुनिया से दूर होने का साधन नहीं,बल्कि अपने भीतर की दुनिया को जागृत करने का अवसर है। तंत्र हमें सिखाता है कि जीवन में हर अनुभव,हर भावना एक साधना का रूप ले सकता है। यह हमें सिखाता है कि हम अपने भीतर की शक्तियों को कैसे पहचानें और जागृत करें। इस कार्यक्रम के माध्यम से,हम ध्यान और तंत्र की गहन विधाओं को आत्मसात करेंगे। उन्होंने कहा कि आप सभी साधक,इस साधना को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर, मानसिक शांति,आत्मिक ऊर्जा और जीवन की सकारात्मकता को अनुभव करेंगे। यह यात्रा केवल तीन दिन की नहीं है, यह जीवनभर चलने वाली साधना है, जो हमें हर पल जागृत और संतुलित बनाए रखेगी।
करौली शंकर महादेव धाम में शंकर सेना के प्रदेशों के अध्यक्ष भी विशेष रूप से शामिल रहे जिसमें विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुबोध चोपड़ा, बैंगलोर के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल,गुजरात अध्यक्ष सत्यनारायण,असम अध्यक्ष सुप्रियो चौधरी,महाराष्ट्र के सचिव उज्वल चौधरी व संस्था के सेवकों और साधु संत कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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