वक़्फ़ संसोधन बिल। 14 बदलाव सरकार के पास ,44 विपक्ष के खारिज जल्द सरकार का होगा वक़्फ़ सम्पत्तियो के निपटान, प्रबंधन पर अधिकार

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इंडियन एक्सप्रेस की अपूर्वा विश्वनाथ की रिपोर्ट के मुताबिक यह विधेयक पिछले वर्ष अगस्त में वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन के लिए पेश किया गया था, जो भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को नियंत्रित करता है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के सभी 14 संशोधनों को मंजूरी दे दी। यह विधेयक बजट सत्र के दूसरे भाग में संसद में पेश किया जा सकता है। यह संशोधन वक्फ अधिनियम, 1995 में व्यापक बदलाव लाने के लिए किया गया है, जिससे सरकार को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विवाद निपटान में अधिक अधिकार मिलेंगे। विपक्ष की आलोचनाओं के बीच विधेयक को पहले जेपीसी को भेजा गया था। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति ने भाजपा और उसके सहयोगियों के 14 संशोधनों को मंजूरी दी, जबकि विपक्ष के 44 संशोधनों को खारिज कर दिया गया।

विधेयक के प्रमुख बिंदु:

1- विस्तारित समय-सीमा

संशोधित विधेयक के तहत प्रत्येक वक्फ और वक्फ से जुड़ी संपत्ति को छह महीने के भीतर केंद्रीय पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य होगा। जिला कलेक्टर इस डेटा की समीक्षा करेगा और आवश्यक जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट देगा। जेपीसी ने जेडीयू सांसद दिलेश्वर कामत के प्रस्ताव को स्वीकार किया, जिसमें कुछ मामलों में पंजीकरण की समय-सीमा बढ़ाने का प्रावधान जोड़ा गया है।

2- कानूनी कार्यवाही का अधिकार

संशोधित विधेयक के अनुसार, यदि वक्फ संपत्ति छह महीने के भीतर पंजीकृत नहीं की जाती, तो किसी भी मुकदमे, अपील या कानूनी कार्यवाही का अधिकार समाप्त हो सकता है। हालांकि, भाजपा सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल के प्रस्ताव को शामिल कर यह तय किया गया कि कोर्ट वक्फ को मुकदमा दायर करने की अनुमति दे सकती है, यदि वक्फ पोर्टल पर देरी के कारणों का हलफनामा प्रस्तुत करे।

3- जिला कलेक्टर की भूमिका

संशोधित विधेयक में वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों को सुलझाने का अधिकार पहले वक्फ न्यायाधिकरण के पास था, लेकिन अब यह जिला कलेक्टर के पास होगा। यदि किसी संपत्ति को सरकारी संपत्ति माना जाता है, तो राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव करने की जिम्मेदारी “नामित अधिकारी” को दी जाएगी। जेपीसी ने विवाद समाधान प्रक्रिया में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी को शामिल करने के लिए टीडीपी सांसद लावु श्री कृष्ण देवरायलु के चार संशोधनों को मंजूर किया।

4- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य

संशोधित विधेयक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान रखा गया है। जेपीसी ने भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय के संशोधन को स्वीकार किया, जिसमें वक्फ बोर्ड में शामिल राज्य सरकार के अधिकारी का स्तर संयुक्त सचिव निर्धारित किया गया। इसके अलावा, भाजपा सांसद गुलाम अली के संशोधन को भी स्वीकार किया गया, जिसमें मुस्लिम कानून और न्यायशास्त्र के विशेषज्ञ को वक्फ न्यायाधिकरण का सदस्य बनाने की सिफारिश की गई।

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